जंक फूड किसे कहते हैं?
Food that is not very good for you but that is ready to eat or quick to prepare is called junk food
जंग फूड वह होते हैं जो जल्दी से आसानी से बन जाते हैं और लेकिन वह खाने में हमारे लिए हेल्दी नहीं होते हैं।
जंक फूड में खराब पोषण वाली चीजें जैसे ट्रांस वसा,चीनी,सोडियम और विभिन्न तरह के रसायन पाए जाते हैं। आमतौर पर जंक फूड को स्वादिष्ट एवं आकर्षित बनाने के लिए उसमें कई खाद्य पदार्थों और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
जंग फूड वह होते हैं जो जल्दी से आसानी से बन जाते हैं और लेकिन वह खाने में हमारे लिए हेल्दी नहीं होते हैं।
जंक फूड में खराब पोषण वाली चीजें जैसे ट्रांस वसा,चीनी,सोडियम और विभिन्न तरह के रसायन पाए जाते हैं। आमतौर पर जंक फूड को स्वादिष्ट एवं आकर्षित बनाने के लिए उसमें कई खाद्य पदार्थों और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
अगर हम अपने दैनिक आहार में जंक फूड का अधिक से अधिक इस्तेमाल करेंगे तो वह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है जंक फूड के शौकीन खासतौर पर किशोर उम्र के बच्चे होते हैं इसीलिए उनके खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बच्चे इस बात से अनजान होते हैं कि जंक फूड खाने का उन पर क्या नकारात्मक असर होता है जंक फूड खाने में स्वादिष्ट होता है इसलिए बच्चे और बड़े इसे बहुत पसंद करते हैं।
जंक फूड को बनाने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि यह खाने में काफी स्वादिष्ट बन जाती हैं और विरम लेकिन हम भूल जाते हैं कि जिन चीजों का इस्तेमाल इसको बनाने में किया गया है वह हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है.
मार्केट में विभिन्न प्रकार के जंग फूड मिलते हैं जिन्हें बच्चे अक्सर खाने की जिद करते हैं जैसे कि बर्गर, फ्रेंच फ्राइस ,कोका कोला ,आलू के चिप्स , पिज़्ज़ा, हॉट डॉग ,चाऊमीन
डोनट्स पैन केक आदि चीजें शामिल है. हमारे घरों में भी विभिन्न प्रकार के जंग फूड बनते हैं जैसे पराठा कुलचे कचोरी कोफ्ते पूरी पकोड़े इत्यादि।
एक शोधकर्ता के अनुसार बच्चे उच्च कैलोरी और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन करते हैं क्योंकि उनमें खुद को नियंत्रण में रखने की क्षमता कम होती है। उनका दिमाग विकास कर रहा होता है और ऐसे में वे ऐसा खाना खाने की चाहत रखते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। इस उम्र के दौरान उनके दिमाग में नियंत्रण की क्षमता कम होती है जिससे वह खुद को जंक फूड खाने से रोक नहीं पाते हैं।
नींद पूरी नहीं होने से भी हमें जंक फूड खाने के तीव्र इच्छा हो हो सकती है.
एक शोध में यह दावा किया गया है कि नींद की कमी से सुनने की शक्ति बढ़ जाती है और हम जंग फूड जैसे बर्गर चिप्स और डोनेट की तरफ आकर्षित होते हैं। नींद की कमी से इंडो कैनाबिनोयर्ड्स हार्मोन का स्राव होता है।
किशोरावस्था के दौरान ज्यादा जंक फूड खाने से फ्रंटल कांटेक्ट के विकास में बाधा उत्पन्न होती है। इससे इस हिस्से की संरचना और कार्य प्रणाली में बदलाव हो जाता है और दिमाग में डोपामाइन संकेतों में भी बदलाव हो जाता है। इससे किशोरों के दिमाग में जुगाड़ सिस्टम सक्रिय हो जाता है। खुद को खुश करने के चक्कर में वे जंक फूड खाते रहते हैं और इससे बाद में चलकर उनकी बुद्धिमता में कमी आती है और व्यवहार हिंसक हो जाता है.
यदि हम निरंतर बाजार में मिलने वाले जंक फूड को खाते हैं तो यह बढ़ते वजन यानी मोटापे का कारण बन सकता है क्योंकि जंक फूड में कैलोरी अधिक होती है जिसके कारण इसके सेवन से हमारे शरीर की कैलोरी बढ़ जाती है जो कि आगे चलकर हमारे शरीर का वजन बढ़ा देती है। ज्यादा वजन बढ़ने यानी मोटापा होना खुद अपने आप में एक बीमारी है और यदि यह किसी को घेर लेती है तो धीरे-धीरे करके उसके पास बहुत सारी बीमारियां आनी शुरू हो जाती हैं। आजकल जंक फूड खाकर बच्चों का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि बच्चे ना तो दौड़ पाते हैं और ना ही अपना काम अच्छे से कर पाते हैं। ज्यादा जंक फूड खाने से कम उम्र के बच्चे भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते है.
बाजार मैं मिलने वाले अधिकांश जंग फूड में चीनी की मात्रा अधिक होती है सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अतिरिक्त चीनी के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड जैसे अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं। जिससे जल्दी मौत का खतरा बढ़ जाता है। हम सभी जानते हैं कि बहुत अधिक चीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह हमारे शरीर में मोटापे और मधुमेह जैसी बीमारियों को जन्म देती है। इससे चयापचय संबंधी विकारों के विकास से हमारा जीवन काल भी कम हो जाता है। फलों पर बैठने वाली मक्खियों पर किए गए शोध से पता चलता है कि यह सारी परेशानियां चयापचय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस शोध में इंसानों की तरह मक्खियों को उचित चीनी आहार चलाया गया था अधिक चीनी के सेवन की वजह से मक्खियां ज्यादा मोटी हो गई और विरोधी भी हो गई हैं.
इतना सब पढ़ने के बाद में आप सब लोग सोच रहे होंगे कि बाजार में मिलने वाले हर खाने की चीज जंक फूड होती है कमा तो ऐसा नहीं है अभी भी बाजार में ऐसी काफी चीजें मौजूद हैं जो कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। बस आपको इनकी पहचान करनी आनी चाहिए। इन चीजों की पहचान हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं।
किसी भी पैकेट वाली खाने की चीज को खरीदते समय उसके पैकेट के पीछे उससे जुड़ी दी गई जानकारी को पढ़ें। क्योंकि उस चीज को बनाने के लिए जिन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और वह उसके बारे में पैकेट पर जानकारी दी गई होती है उन सामग्री के नाम और किस मात्रा में उन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है यह पढ़कर ही आप पता लगा सकते हैं कि वह चीज खाने योग्य है कि नहीं। जैसे कि अगर किसी चीज को बनाने के लिए अधिक चीनी का इस्तेमाल किया गया है तो उस सामग्री को ना लें।। अगर किसी सामग्री को बनाने के लिए साबुत अनाज एवं दालों का इस्तेमाल किया गया है तो वह चीज खाने के लिए सही है।
अक्सर लोग खाने की चीजों में पैकेट वाली चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जबकि हमें इससे बचना चाहिए आजकल तो पैकेट में रोजमर्रा की खाने पीने की चीजें भी आने लगी हैं जो हम आलस के कारण खरीद लेते हैं। जबकि हमें ऐसा करने से बचना चाहिए चाहे पैकेट बंद सब्जियां हो दाल हो या फिर जूस हमें उनके बजाय ताजा सब्जी ,दाल और जूस का इस्तेमाल करना चाहिए ।
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जंक फूड स्वादिष्ट क्यों होता है?
जंक फूड को बनाने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि यह खाने में काफी स्वादिष्ट बन जाती हैं और विरम लेकिन हम भूल जाते हैं कि जिन चीजों का इस्तेमाल इसको बनाने में किया गया है वह हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है.
जंक फूड के प्रकार
मार्केट में विभिन्न प्रकार के जंग फूड मिलते हैं जिन्हें बच्चे अक्सर खाने की जिद करते हैं जैसे कि बर्गर, फ्रेंच फ्राइस ,कोका कोला ,आलू के चिप्स , पिज़्ज़ा, हॉट डॉग ,चाऊमीन
डोनट्स पैन केक आदि चीजें शामिल है. हमारे घरों में भी विभिन्न प्रकार के जंग फूड बनते हैं जैसे पराठा कुलचे कचोरी कोफ्ते पूरी पकोड़े इत्यादि।
जंक फूड खाने की इच्छा क्यों होती है?
एक शोधकर्ता के अनुसार बच्चे उच्च कैलोरी और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन करते हैं क्योंकि उनमें खुद को नियंत्रण में रखने की क्षमता कम होती है। उनका दिमाग विकास कर रहा होता है और ऐसे में वे ऐसा खाना खाने की चाहत रखते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। इस उम्र के दौरान उनके दिमाग में नियंत्रण की क्षमता कम होती है जिससे वह खुद को जंक फूड खाने से रोक नहीं पाते हैं।
नींद पूरी नहीं होने से भी हमें जंक फूड खाने के तीव्र इच्छा हो हो सकती है.
एक शोध में यह दावा किया गया है कि नींद की कमी से सुनने की शक्ति बढ़ जाती है और हम जंग फूड जैसे बर्गर चिप्स और डोनेट की तरफ आकर्षित होते हैं। नींद की कमी से इंडो कैनाबिनोयर्ड्स हार्मोन का स्राव होता है।
जंक फूड से होने वाली हानियां:--
भूख का संकेत प्रभावित होता है
एक शोध से पता चलता है कि सप्ताह भर लगातार जंक फूड का सेवन करने से दिमाग के हिप्पोकेंपस के क्षेत्र को नुकसान पहुंचता है। हिप्पोकेंपस हमें अधिक भोजन करने से रोकता है चाहे भोजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों ना हो। हिप्पोकेंपस ठीक से काम नहीं करता तब स्वादिष्ट भोजन कि यादे हावी हो जाती हैं। जंक फूड से दिमाग के उस हिस्से को नुकसान पहुंचता है जो हमें पेट भरने का संकेत देता है।मधुमेह का खतरा
कई तरह के सर्वे में पाया गया है कि जंक फूड का अधिक सेवन करने वाले बच्चे मधुमेह जैसी बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। बच्चे हो या बूढ़े एक बार मधुमेह की बीमारी जिन को घेर लेती है वह पूरी उम्र तक उस से ग्रसित रहता है इतना ही नहीं यह बीमारी अन्य प्रकार की बीमारियों को भी आमंत्रित करती है जिससे व्यक्ति का शरीर रोगों का घर बन जाता है।दांतो के लिए खतरनाक
विभिन्न प्रकार की जंग फूड ऐसे होते हैं जिनमें ज्यादा चीनी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे इनका सेवन करने से दांतो से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। जंक फूड जैसे सोडा कैंडी और ब किए गए सामान वाले फूड खाने से आपके मुंह मसूड़ों जी पर बुरा असर पड़ता है इसी कारण बच्चों के दांत कम उम्र में ही सड़ने लगते हैं और वह दांतों की समस्या से परेशान हो जाते हैं और वह दांतों की समस्या से परेशान हो जाते हैं।हृदय संबंधी रोग
मार्केट में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के जंक फूड में सोडियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार सोडिया हमारे दिल के लिए हानिकारक होता है। इसीलिए किसी भी व्यक्ति को अधिक सोडियम युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए उनमें अधिक मात्रा में सोडियम खाने से रक्तचाप का जोखिम बढ़ जाता है। एक शोध शोध में यह कहा गया है कि हर 500 मिलीग्राम सोडियम का सेवन करने से स्ट्रोक का खतरा 17% बढ़ जाता है इसीलिए यदि आप ऐसे खाने खाने के शौकीन हैं और खूब खाते हैं तो कृपया ऐसा करना बंद कर दें या कम ही खाएं।मानसिक विकास में बाधक
किशोरावस्था के दौरान ज्यादा जंक फूड खाने से फ्रंटल कांटेक्ट के विकास में बाधा उत्पन्न होती है। इससे इस हिस्से की संरचना और कार्य प्रणाली में बदलाव हो जाता है और दिमाग में डोपामाइन संकेतों में भी बदलाव हो जाता है। इससे किशोरों के दिमाग में जुगाड़ सिस्टम सक्रिय हो जाता है। खुद को खुश करने के चक्कर में वे जंक फूड खाते रहते हैं और इससे बाद में चलकर उनकी बुद्धिमता में कमी आती है और व्यवहार हिंसक हो जाता है.
मोटापा जैसी बीमारी से ग्रसित होना
यदि हम निरंतर बाजार में मिलने वाले जंक फूड को खाते हैं तो यह बढ़ते वजन यानी मोटापे का कारण बन सकता है क्योंकि जंक फूड में कैलोरी अधिक होती है जिसके कारण इसके सेवन से हमारे शरीर की कैलोरी बढ़ जाती है जो कि आगे चलकर हमारे शरीर का वजन बढ़ा देती है। ज्यादा वजन बढ़ने यानी मोटापा होना खुद अपने आप में एक बीमारी है और यदि यह किसी को घेर लेती है तो धीरे-धीरे करके उसके पास बहुत सारी बीमारियां आनी शुरू हो जाती हैं। आजकल जंक फूड खाकर बच्चों का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि बच्चे ना तो दौड़ पाते हैं और ना ही अपना काम अच्छे से कर पाते हैं। ज्यादा जंक फूड खाने से कम उम्र के बच्चे भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते है.
चयापचयसिंड्रोम होने का खतरा
बाजार मैं मिलने वाले अधिकांश जंग फूड में चीनी की मात्रा अधिक होती है सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अतिरिक्त चीनी के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड जैसे अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं। जिससे जल्दी मौत का खतरा बढ़ जाता है। हम सभी जानते हैं कि बहुत अधिक चीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह हमारे शरीर में मोटापे और मधुमेह जैसी बीमारियों को जन्म देती है। इससे चयापचय संबंधी विकारों के विकास से हमारा जीवन काल भी कम हो जाता है। फलों पर बैठने वाली मक्खियों पर किए गए शोध से पता चलता है कि यह सारी परेशानियां चयापचय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस शोध में इंसानों की तरह मक्खियों को उचित चीनी आहार चलाया गया था अधिक चीनी के सेवन की वजह से मक्खियां ज्यादा मोटी हो गई और विरोधी भी हो गई हैं.
जंक फूड की पहचान कैसे करें ?
इतना सब पढ़ने के बाद में आप सब लोग सोच रहे होंगे कि बाजार में मिलने वाले हर खाने की चीज जंक फूड होती है कमा तो ऐसा नहीं है अभी भी बाजार में ऐसी काफी चीजें मौजूद हैं जो कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। बस आपको इनकी पहचान करनी आनी चाहिए। इन चीजों की पहचान हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं।
इस्तेमाल की गई सामग्री की जांच करें
किसी भी पैकेट वाली खाने की चीज को खरीदते समय उसके पैकेट के पीछे उससे जुड़ी दी गई जानकारी को पढ़ें। क्योंकि उस चीज को बनाने के लिए जिन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और वह उसके बारे में पैकेट पर जानकारी दी गई होती है उन सामग्री के नाम और किस मात्रा में उन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है यह पढ़कर ही आप पता लगा सकते हैं कि वह चीज खाने योग्य है कि नहीं। जैसे कि अगर किसी चीज को बनाने के लिए अधिक चीनी का इस्तेमाल किया गया है तो उस सामग्री को ना लें।। अगर किसी सामग्री को बनाने के लिए साबुत अनाज एवं दालों का इस्तेमाल किया गया है तो वह चीज खाने के लिए सही है।
ताजी चीजों का सेवन करें
अक्सर लोग खाने की चीजों में पैकेट वाली चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जबकि हमें इससे बचना चाहिए आजकल तो पैकेट में रोजमर्रा की खाने पीने की चीजें भी आने लगी हैं जो हम आलस के कारण खरीद लेते हैं। जबकि हमें ऐसा करने से बचना चाहिए चाहे पैकेट बंद सब्जियां हो दाल हो या फिर जूस हमें उनके बजाय ताजा सब्जी ,दाल और जूस का इस्तेमाल करना चाहिए ।
जंक फूड खाने से खुद को कैसे रोके?
एक शोध के परिणाम से से पता चला है कि कसरत करके हम जंक फूड खाने से खुद को रोक सकते हैं। एक शोध से पता चला है कि कसरत दिमाग के ज्ञानात्मक नियंत्रण को बेहतर करती है और रिवॉर्ड सिस्टम की संवेदनशीलता को भी रोकती है जिससे बच्चे और बड़े जंक फूड का चयन करने से बचते हैं। किशोर बच्चों को जंक फूड के कारण दिमाग को हो रहे नुकसान के बारे में जागरूक करना जरूरी है ताकि वह स्वस्थ खाने का चयन कर सकें..
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