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Sunday, April 19, 2020

रसोई उद्यान क्या है? इसे कैसे तैयार करते हैं ?What is kitchen garden and how can we make this

रसोई उद्यान क्या है? इसे कैसे तैयार करते हैं ?What is kitchen garden and how can we make this ?


Plants in pot,kitchen garden
Plants in pots

 नुष्य घरों में रहता है और घर में बहुत सारे कमरे होते हैं जैसे शयनकक्ष,अतिथि कक्ष, भंडारण गृह परंतु इन सब में सबसे महत्वपूर्ण जो कक्ष है वह रसोई कक्ष है। जहां पर उस घर में रहने वाले सभी सदस्यों के लिए पौष्टिक और ताज़ा खाना तैयार होता है जिससे उस घर के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वह दिल और दिमाग से तंदुरुस्त रहते हैं। 

घर में जब खाना बनता है तब खाने बनाने में बहुत सारी चीजों की हमें आवश्यकता होती है जिसे मार्केट से लाना पड़ता है उनमें खास तौर पर सब्जियां हैं। यदि हम इन सब्जियों को अपने घर में ही उगा लें, अगर हमारे पास जगह है तो उससे हमारे रोज की जो भी सब्जी की जरूरत होती है वह पूरी हो जाएगी।इस तरह की की खेती करना जो हमारे किचन की जरूरत को पूरी कर सके वही किचन गार्डन या रसोई उद्यान कहलाता है।

 रसोई उद्यान में सब्जियों के अतिरिक्त फूल और फल भी उगा सकते हैं यह एक परिवार की जरूरत को पूरा करने में सक्षम होता है।


इसी कारण इसे परिवार आधारित रसोई उद्यान अर्थात गृह वाटिका या kitchen garden भी कहते है। इस प्रकार के सब्जी उत्पादन का मुख्य उद्देशय आर्थिक लाभ न होकर परिवार के सदस्यों के पोषण स्तर को बढ़ाना होता है ।बाजार से आने वाली सब्जियों में विभिन्न रसायनो के द्वारा पैदावार की जाती है।जो महंगी भी होती हैं। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए और हमारे बजट दोनों के लिए खतरनाक होती हैं।
यदि आपके पास पर्याप्त जगह है तो अपने घर की आपूर्ति के बाद में जो बचता है उसे आप बाजार में बेचकर आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं ।
रसोई उद्यान में किन सब्जियों को उगाना है यह परिवार के सदस्यों की रुचि के अनुसार होता है। परिवार के सदस्यों को जो सब्जी ज्यादा पसंद होती है उसे रसोई उद्यान में उगाना ज्यादा अच्छा होता है ।
सब्जियों का चयन परिवार के सदस्यों की इच्छा अनुसार किया जाता है। घर के चारों और खाली पड़ी भूमि में छोटी-छोटी क्यारियाँ बना ली जाती है। क्यारियो में फसल चक्र अपनाए जाते है तथा फल-फूल एवं शाक-सब्जी का उत्पादन किया जाता है।

रसोई उद्यान या गृह वाटिका लगाने के लाभ :What are importance of kitchen garden 

परिवार के सदस्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए  ताजी एवं सस्ती एवं पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध हो जाती हैं ।
रसोई उद्यान या किचन गार्डन का एक  महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि इससे हमारे घर में हरियाली रहती है। और जो घर के सदस्यों के मूड को भी तरोताजा रखती है। और उनके दिमाग को भी अच्छा बनाए रखती है क्योंकि हरे पेड़ पौधे मनुष्य के अंदर जो नकारात्मक उर्जा होती है उसे दूर करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । यदि आपका मूड खराब है तो आप थोड़ी देर पेड़ पौधों के साथ बैठे उनसे बातें करें उन्हें छुए उनकी देखभाल करें तो इससे आपका तनाव दूर हो जाता है।इसका  प्रैक्टिकल आप करके भी देख सकते हैं।
  घरों में उगने वाली सब्जियां पोष्टिक होती हैं ।
और जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को भी बनाए रखती हैं। क्योंकि रसोई उद्यान में उगने वाली सब्जियां किसी भी प्रकार के केमिकल से मुक्त होती हैं। इसीलिए वह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। 
 रसोई उद्यान का एक महत्व यह भी है कि घर के कामों में जो भी जल इस्तेमाल  होता है और उसके जो अवशिष्ट होते हैं उसे हम रसोई उद्यान में सिंचाई के काम में ला सकते हैं ।इस तरीके से जल का भी सदुपयोग हो जाता है।
घर में  खाली पड़ी हुई भूमि का सरलता से सदुपयोग हो जाता है । और रसोई घर से निकलने वाले कूड़े-करकट का कम्पोस्ट बना कर प्रयोग किया जा सकता है।
रसोई उद्यान का एक  लाभ यह भी है कि  आपको किसी भी समय सब्जी मिल सकती है ।उसके लिए बार-बार बाजार  जाने की जरूरत नहीं है । घरों में आसानी से उगने वाले धनिया, पुदीना, तुलसी आदि का इस्तेमाल हम रोज अपनी रसोई घर में करते हैं।जैसे धनिया पुदीना की चटनी बनाना,धनिए को सब्जी में डालना,तो इस तरीके से आपको रोज-रोज ताजा धनिया और पुदीना मिल सकता है और जो खुशबू और ताजगी से भरा होता है।
रसोई उद्यान या गृह वाटिका का  एक लाभ यह भी है कि बाजार की तुलना में सस्ती एवं उत्तम गुणवत्ता वाली सब्जियां मिलती हैं। 
 रसोई उद्यान में उगाई गई सब्जियों में नकली रंग, रसायनों, एवं उन संक्रामक रोगों के जीवाणुओं की उपस्थिति का भय नहीं रहता जो बाजार से खरीदी गयी सब्जियों में हो सकता है।
रसोई उद्यान का एक लाभ यह भी है  कि इससे घर के सभी सदस्यों बच्चे बूढ़े सभी को कार्य करने की प्रेरणा मिलती है और वह सभी मिलजुल कर रसोई उद्यान की देखभाल करते हैं इससे परिवार के सदस्यों में आपस में सहयोग की भावना का भी विकास होता है ।
रसोई उद्यान का एक लाभ यह भी है कि इसमें घर में पुराने बेकार पड़े,डिब्बे,गमले या और अन्य ऐसी चीजें जो हमारे किसी काम के नहीं है उसका भी इस्तेमाल हम इसमें कर सकते हैं इस तरीके से  कम खर्चे में ही अच्छी सब्जी का उत्पादन हो जाता है। इस उद्यान में हमें कीमती कृषि यंत्रों का भी इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

रसोई उद्यान के लिये उचित स्थान (Selection  of Place for kitchen garden ):


रसोई उद्यान यदि आप गमलों में लगा रहे हैं तो आप इन गमलों को अपने घर के नीचे ही जहां पर खुली जगह है वहां रख सकते हैं या तो घर की छत पर रख सकते हैं। परंतु यदि आप खुली जमीन पर रसोई उद्यान लगा रहे हैं, तो वह जमीन आप के घर के पास ही होनी चाहिए और वह खुली हो वहां पर अच्छी हवा तथा सूर्य की रोशनी आने की व्यवस्था हो ।और वह स्थान ऐसा होना चाहिए कि वहां पर आसानी से सिंचाई भी की जा सके।

यदि आप छत पर ही रसोई उद्यान बनाना चाहते हैं तो वहां पर आप पॉलिथीन बिछाकर और ईटों से घेरकर क्यारी बना सकते हैं ।फिर पॉलिथीन में कहीं-कहीं छेद कर दें जिससे अतिरिक्त पानी बाहर आसानी से निकल जाए।

 यदि आपके पास रसोई उद्यान लगाने की जगह नहीं है तो,आप उसके लिए छोटे और चौड़े गमले,प्लास्टिक की ट्रे,पुरानी बाल्टी,टब,खाली ड्रम आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन यह है कि इन सब में आपको एक छेद करना पड़ेगा जिससे मिट्टी का अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाए।

रसोई उद्यान बनाने के लिए मिट्टी को तैयार करना (Preparing soil for kitchen garden)


Sowing seeds
Sowing seeds 

 रसोई उद्यान बनाने के लिए सबसे पहले वहां की मिट्टी को तैयार करना चाहिए। रसोई उद्यान चाहे आप गमलों में लगा रहे हो या किसी खुले स्थान पर दोनों  के लिए अच्छी मिट्टी तैयार करना बहुत ही जरूरी होता है।

  जिस मिट्टी में हम रसोई उद्यान लगाने के लिए सोच रहे हैं सबसे पहले हमें उस मिट्टी के बारे में यह पता करना चाहिए  कि मिट्टी में जल एवं वायु का प्रवाह कैसा है ? जिस मिट्टी में जल एवं वायु का प्रवाह अच्छा होता है, वह मिट्टी खेती के लिए उपयुक्त होती है।


  रसोई उद्यान की मिट्टी जितनी भुरभुरी, जैविक खाद एवं अन्य तत्वों से भरपूर होगी, पैदावार भी उतनी ही अच्छी मिलेगी। मिट्टी बनाने के लिए सबसे पहले  जिस जगह पर रसोई उद्यान लगा रहे हैं उस जगह के पहले  किसी खुरपी से या किसी फावड़े की सहायता से उसकी खुदाई करे और मिट्टी को पलट दे।फिर उस मिट्टी में गोबर की खाद मिलाएं और फिर से उसको  किसी हल की सहायता से या फावड़े की सहायता से चला दे। इस तरीके से मिट्टी और खाद को आपस में अच्छे से मिला लें।

रसोई उद्यान के लिए जैविक खाद बनाने  की विधि (Compost Making method ) :


खाद एवं उर्वरक का अच्छी पैदावर प्राप्त करने में अत्यधिक महत्व है। इसके लिए आवश्यक है कि मिट्टी में जैविक खाद का प्रयोग हो। खाद मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाती है व पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति भी करती है। इसके लिए हम घर में ही  जैविक खाद का निर्माण कर सकते हैं। 


घर से निकलने वाला अवशिष्ट ,जानवरों का मलमूत्र, भूसा, सड़ गले पेड़ पौधे, पत्तियाँ,फटे पुराने कागज आदि सभी का बैक्टीरिया एवं फँजाई द्वारा विघटन/सड़न से बना हुआ पदार्थ कम्पोस्ट कहलाता है। 
रसोई उद्यान के लिए कंपोस्ट खाद तैयार करने के लिए के आवश्यकतानुसार एक लम्बा, चौड़ा एवं गहरा गड्ढा खोद लें। गड्ढे को घरों से अवशिष्ट के रूप में निकलने वाले फलों एवं सब्जियों के छिलकों, सब्जियों के पत्तों,सडे़ गले पेड़ पौधे,कगज की रद्दी  एवं रसोई के कूड़े-करकट से भर दीजिए।फिर इसमें 30से 50 ग्राम यूरिया डाल दीजिए। 
 गड्ढे में यूरिया मिलाने से ये जीवाणुओं को ऊर्जा प्रदान करता  है और  सभी पदार्थो को जल्दी सड़ाकर खाद मे नाइट्रोजन, फासफोरस और गंधक जैसे तत्वों की बढ़ोतरी करता है।
गड्ढे में यूरिया मिलाने के बाद उसके ऊपर पानी का छिड़काव कर दें। यदि आपके पास गोबर आसानी से मिल जाए तो गोबर की परत भी बिछा दीजिए।खाद को 2 महीने तक सड़ने देना चाहिए। 
यदि आपके पास कच्ची जमीन नहीं है तो आप एक बड़ा सा गमला ले सकते हैं।और उस गमले में मिट्टी की मोटी परत बिछाए फिर उसके ऊपर रसोई घर से निकलने वाले सब्जियों और फलों के छिलके डालें और जो भी घर में गीला कचरा हो वह डाल दें ।सूखे पत्ते अखबार पेड़ पौधों की कतरन,गोबर,यूरिया और पानी के छींटे डालकर मिट्टी की मोटी परत से ढक दें

किचन गार्डन (kitchen garden) के लिए बीजों का चुनाव 


रसोई उद्यान में बोने वाले बीज जैसे मूली, शलजम, मेथी, पालक, खीरा, करेला, लौकी, कद्दू, टिंडा, सेम, भिंडी आदि सब्जियों के बीज उन्नत किस्म के होने चाहिए।अच्छी व जानी-मानी कृषि कंपनियों के बीज लेने पर सामान्यता बीज उपचारित मिलते  हैं ।इसलिए  उनका बीजोपचार करने की आवश्यकता नहीं होती है। 
रसोई उद्यान (kitchen garden) के लिए नर्सरी तैयार करने की विधि (Methods for Nursery preparation for kitchen garden) 
कुछ सब्जियों जैसे टमाटर, फूलगोभी, मिर्च, बैंगन, प्याज, पोदीना आदि फसले सीधे बीज द्वारा बुवाई न करके, बीज उगने के बाद उस पौधे की रोपाई करने से अधिक बढ़ती है। इसलिए रसोई उद्यान में ऐसे पौधे लगाने के लिए कभी-कभी नर्सरी भी बनाने की आवश्यकता पड़ती है।

इसके लिए  मिट्टी को अच्छी प्रकार से भुरभुरा बना लेना चाहिये और गोबर की खाद भी उचित मात्रा में मिला है। इसके पश्चात्  सब्जी के बीजों को क्यारियों में उचित दूरी पर कम गहराई में  बोने के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। 

रसोई उद्यान में खरपतवार पर नियंत्रण


रसोई उद्यान में लगी सब्जियों को समय-समय पर निराई गुड़ाई कर  खरपतवार को हटाते रहना चाहिए ताकि सब्जियों की पैदावार अच्छी हो सके।  अतः समय-समय पर खुरपी द्वारा निराई गुड़ाई करते रहें।

 खरपतवार नाशी का भी उपयोग किया जा सकता है।समय पर  खाद की  आपूर्ति और ऋतु एवं आवश्यकतानुसार समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए।

रसोई उद्यान(kitchen garden)में क्या-क्या उगाएँ 

Radish plant

रसोई उद्यान में उगाने वाली सब्जियों के अलावा आप फल वाले पेड़ जैसे पपीता, नींबू व अमरूद आदि भी सब्जियों के साथ-साथ उगा सकते है। यदि जगह कम है तो आप सीमित तरीके से रसोई उद्यान लगा सकते हैं जैसे टमाटर, करेला, मटर, मेथी, पालक, मूली,तोरई,लौकी,पुदीना, धनियाँ आदि।


मेथी, पालक को बोनेके लिए तैयार मिट्टी में इसके बीज छिटक कर मिट्टी को हल्के हाथों से हिला दे।फिर पानी का छिड़काव कर दे।

पुदीने  को लगाना बहुत ही  आसान है ।बाजार से लाए हुए पुदीने की पत्तियाँ तोड़ कर उसके डंठल के जड़ वाले हिस्से को मिट्टी में गाड़ दे और सिंचाई कर दीजिए ।

सीताफल ,तोरी, लौकी, करेला बोने के लिए  तैयार  मिटटी में थोडा़ गड्ढा करके बीज डाल कर मिट्टी से ढ़क दीजिए फिर थोड़ा पानी दे  कर  छोड़ दें। 
सौंफ ,जीरा और अजवाइन के पौधे को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। अजवाइन को बोने के लिए इसके बीज क्यारियों में डाल दें, और ऊपर से कम पानी का छिड़काव कर दीजिए।


 तुलसी, मीठा नीम (कड़ी पत्ता) जैसे पौधे भी आप अपने घर में आसानी से उगा सकती हैं। 

इस तरह आप अपने घर में एक सुंदर रसोई उद्यान तैयार कर सकते हैं। और अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का ध्यान रख सकते हैं


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