Guidelines for School after Lockdown
2 महीने के लंबे लॉकडाउन के बाद भारत में स्कूल जब दुबारा खुलेंगे तो उन्हें कुछ कुछ दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ेगा इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय तैयारियों में जुटा है। इस लेख में आपको कुछ संभावित गाइडलाइंस की जानकारी दी जा रही है।
Guidelines for School after Lockdown
कोरोना वायरस का कहर देश और दुनिया पर छाया हुआ है जिसके चलते लॉकडाउन की स्थिति अभी तक बनी हुई है। भारत में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार की तरफ से पूरे भारत में 2 महीने से लॉक डाउन की स्थिति चल रही है जिसके तहत सभी उद्योग-धंधे, स्कूल,कॉलेज, बाजार बंद हैं।
Coronavirus ने दुनियाभर में जीवनशैली के तरीके ही बदलकर रख दिए हैं।खेल से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में इस महामारी का गंभीर असर पड़ा है। कोरोना के चलते अब स्कूलों में पढ़ाई का तरीका भी बदलना तय हो गया हैं। भारत में 16 मार्च से सभी स्कूल कॉलेज एवं अन्य शिक्षण संस्थान बंद है। दोबारा खुलने पर स्कूल,कालेजका अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा कुछ गाइडलाइंस जारी किए जाने की तैयारी की जा रही हैं।
वर्तमान परिस्थिति में विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस के द्वारा बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को शिक्षकों द्वारा घर से ही ऑनलाइन क्लासेज दिलवाई जा रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज के लिए गूगल मीट और जूम क्लासेस जैसे ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।
यद्यपि एजुकेशन बोर्ड प्रतिनिधियों का मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ राज्य के सभी विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को जिनके पास ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने की सुविधा नहीं है वह इस प्रकार की शिक्षा से वंचित हैं ।
कोरोना के कहर को देखते हुए केंद्र सरकार के आदेशानुसार 08वीं तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया गया है। वहीं कई परीक्षाएं भी टाली गई हैं।
लॉकडाउन के बाद जब भी स्कूल खुलेंगे तब इन गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा
इसके लिए सरकार ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से बात की और लॉकडाउन के बाद स्कूलों में होने वाले बदलाव को लेकर चर्चा भी की।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही स्कूलों में होने वाले बदलावों के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अंतर्गत स्कूलों की साफ-सफाई से लेकर सीटिंग अरेंजमेंट और अन्य बदलावों के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही स्कूलों में होने वाले बदलावों के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अंतर्गत स्कूलों की साफ-सफाई से लेकर सीटिंग अरेंजमेंट और अन्य बदलावों के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
सरकार पहले ही 9वीं से 12वीं कक्षा तक की ऑनलाइन क्लासेज के लिए अकादमिक कलेंडर तैयार कर चुकी है।
Guidelines for School after Lockdown
मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन खुलने के बाद शिक्षकों के लिए गाइडलाइन बनाये गए हैं। जैसे कि,
यदि शिक्षक या विद्यार्थी को सर्दी, जुकाम या गले, मुंह, नाक आदि की समस्या होगी उनपर अगले 15 से 20 दिनों तक स्कूल आने पर पाबंदी लगा दी जाएगी। ऐसे में शिक्षक घर से ही ऑनलाइन क्लास ले सकेंगे।
जो विद्यार्थी सर्दी जुखाम की समस्या के कारण स्कूल नहीं आएंगे उनके लिए शिक्षक स्कूल में पढ़ाये जाने वाले पाठ, कक्षा कार्य एवं गृह कार्य ऑनलाइन प्रोवाइड करवाएंगे। लॉकडाउन के बाद अगले एक साल तक सीबीएसई और आईसीएसई के तमाम स्कूलों में ये नियम लागू होंगे।
संक्रमण के लक्षण वाले शिक्षक या विद्यार्थी किसी दूसरे विद्यार्थी के सीधा संपर्क में न आएं।
इन्हें नोट बुक की जांच करने के साथ स्कूल के अन्य शैक्षणिक कामों से भी दूर रखा जायेगा।
किसी भी शिक्षक को अगर खुद में कोरोना के लक्षण नज़र आते हैं, तो वह तुरंत प्राचार्य से संपर्क कर स्कूल आना बंद करें। साथ ही खुद को घर में ही आइसोलेट करें।
नोटबुक की जांच से पहले उसे सेनेटाइज करने के नियम भी एचआरडी मंत्रालय ने जारी किये है। पहले शिक्षक बिना किसी रोक-टोक के बच्चों की नोटबुक चेक किया करते थे। लेकिन अब इसमें भी कुछ बदलाव है, नोटबुक शिक्षक तक पहुंचने में कुछ घंटो का समय लगेगा। विद्यार्थी द्वारा पहले नोटबुक जमा किया जायेगा। इसके बाद सभी नोटबुक को सेनेटाइज किया जायेगा। बाद ही शिक्षकों को नोटबुक दिए जायेंगे।
मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी किये इन नियमों से लॉकडाउन के बाद स्कूल की पढ़ाई, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को देखते हुए जारी की जाएगी।
Guidelines for School after Lockdown
बच्चों के बैठने का सिस्टम बदला जाएगा।
बेंच पर बैठते समय दो बच्चों के बीच कम से कम 6 फुट की दूरी हो इस बात का ख्याल रखा जाएगा।
स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति 50% तक हो इसकी भी व्यवस्था की जाएगी इसके लिए ऑड इवन फार्मूले को लागू किए जाने का विचार है जिससे क्लास में बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकेगा।
इसी प्रकार स्कूल बसों में भी बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।
सभी स्कूलों को अपने स्कूल परिसर में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था और टेंपरेचर मापने वाली मशीन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जिससे स्कूल में आने वाले सभी विद्यार्थी, शिक्षक एवं अन्य बाहरी व्यक्तियों की जांच की जा सके और कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
सभी स्कूलों में पानी और हाथ धुलने के लिए साबुन की व्यवस्था अनिवार्य होगी। जिन स्कूलों में नल नहीं है वहां पर नल लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
स्कूल परिसर में सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही अपने कार्यों का संपादन करेंगे।
Guidelines for School after Lockdown
विद्यालय में जाने वाले सभी शिक्षकों विद्यार्थियों और अन्य बाहरी व्यक्तियों के आगमन पर यह आवश्यक होगा कि वह मास्क लगाकर ही विद्यालय परिसर के अंदर जाएं।
मेस और लाइब्रेरी के नियम भी बदले जाएंगे.
बच्चों के बैठने का सिस्टम बदला जाएगा।
बेंच पर बैठते समय दो बच्चों के बीच कम से कम 6 फुट की दूरी हो इस बात का ख्याल रखा जाएगा।
स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति 50% तक हो इसकी भी व्यवस्था की जाएगी इसके लिए ऑड इवन फार्मूले को लागू किए जाने का विचार है जिससे क्लास में बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकेगा।
इसी प्रकार स्कूल बसों में भी बच्चों की उपस्थिति कम रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।
सभी स्कूलों को अपने स्कूल परिसर में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था और टेंपरेचर मापने वाली मशीन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जिससे स्कूल में आने वाले सभी विद्यार्थी, शिक्षक एवं अन्य बाहरी व्यक्तियों की जांच की जा सके और कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
सभी स्कूलों में पानी और हाथ धुलने के लिए साबुन की व्यवस्था अनिवार्य होगी। जिन स्कूलों में नल नहीं है वहां पर नल लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
स्कूल परिसर में सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही अपने कार्यों का संपादन करेंगे।
Guidelines for School after Lockdown
विद्यालय में जाने वाले सभी शिक्षकों विद्यार्थियों और अन्य बाहरी व्यक्तियों के आगमन पर यह आवश्यक होगा कि वह मास्क लगाकर ही विद्यालय परिसर के अंदर जाएं।
मेस और लाइब्रेरी के नियम भी बदले जाएंगे.
कैंटीन और हॉस्टल्स को लेकर भी नियमों में बदलाव होंगे।
Guidelines for School after Lockdown
2. स्कूल खोलने की दिशा में कई अहम मुद्दों पर की गई ये विवेचना शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक कारक से जुड़े फायदों और जोखिमों के आकलन पर आधारित होनी चाहिए।
3. स्कूल बंद करने का कोरोना वायरस के संक्रमण की दर पर क्या असर हुआ है, इसके आकलन के लिए फिलहाल पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा और उनके सीखने की प्रक्रिया में स्कूल बंद होने के दुष्प्रभाव के बारे में प्रमाण मौजूद हैं।
4. गाइडलाइंस जारी करते हुए यूएन ने चिंता जताते हुए कहा गया है कि हाल के दशकों में बच्चों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में जो सफलता मिली है, वो स्कूल बंद होने के कारण बिल्कुल बेमानी हो सकती है या यूं कहें कि बर्बाद हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी जारी की गाइडलाइंस
दुनियाभर में लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद स्कूलों को खोलने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन दिशा-निर्देशों को तैयार करने का काम यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने किया है। इन दिशा-निर्देशों को जारी करते हुए यूएन ने बच्चों पर कोरोना वायरस के संभावित असर पर गंभीर चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देश इस तरह हैं।
1. यूएन की गाइडलाइंस के अनुसार, राष्ट्रीय और स्थानीय प्राधिकारियों को स्कूल फिर से खोलने का फैसला बच्चों के हित और सार्वजनिक स्वास्थ्य के संबंध में समग्र विवेचना को ध्यान में रखकर करना चाहिए।2. स्कूल खोलने की दिशा में कई अहम मुद्दों पर की गई ये विवेचना शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक कारक से जुड़े फायदों और जोखिमों के आकलन पर आधारित होनी चाहिए।
3. स्कूल बंद करने का कोरोना वायरस के संक्रमण की दर पर क्या असर हुआ है, इसके आकलन के लिए फिलहाल पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा और उनके सीखने की प्रक्रिया में स्कूल बंद होने के दुष्प्रभाव के बारे में प्रमाण मौजूद हैं।
4. गाइडलाइंस जारी करते हुए यूएन ने चिंता जताते हुए कहा गया है कि हाल के दशकों में बच्चों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में जो सफलता मिली है, वो स्कूल बंद होने के कारण बिल्कुल बेमानी हो सकती है या यूं कहें कि बर्बाद हो सकती है।
154 करोड़ बच्चों पर असर
यूनेस्को के अनुसार, कोरोना वायरस के चलते शिक्षण संस्थानों को बंद करने का असर दुनियाभर में करीब 154 करोड़ छात्रों पर पड़ा है।
Updated on 5 June 2021
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों के स्कूल आने जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश के अनुसार स्कूल बस में जितनी सीटे हो उससे आधी सीटो पर ही विद्यार्थियों को बैठाया जाएगा जैसे यदि बस में 55 सीटें हो तब उसमें एक साथ सिर्फ 25 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। एक सीट पर एक विद्यार्थी ही बैठेगा। यह नियम एक और दो सीट दोनों पर ही लागू होगा। स्कूल वैन में एक सीट पर 2 विद्यार्थी बैठ सकते हैं। दोनों विद्यार्थियों के बीच कम से कम 2 फुट का अंतर होना चाहिए। विद्यार्थी जब बस में बैठे तब उनके मुंह पर मास्क और हाथों में ग्लव्स लगे हुए होने चाहिए यह आवश्यक है ।मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश सभी स्कूलों को 15 से 20 के बीच में भेज दिया जाएगा। सभी स्कूल बसों व स्कूल बहनों को w.h.o. के दिशा निर्देश अनुसार प्रतिदिन नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा।
टैक्सियों व ऑटो पर लग सकती है रोक
स्कूली छात्रों को ले जाने वाले टैक्सियों व ऑटो पर रोक लग सकती है क्योंकि यह अपनी टैक्सियों में छात्रों को अधिक संख्या में बैठा लेते हैं जिससे सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाता है इसीलिए टैक्सी ऑटो पर रोक लग सकती है।
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