मधुमेह Diabetes Mellitus(DM)
Diabetes |
मधुमेह क्या है ?What is Diabetes Mellitus(DM)
वर्तमान जीवन शैली जैसे भागदौड़ वाला जीवन हानिकारक खानपान की आदतें, शारीरिक कार्य की कमी इत्यादि ऐसे कारण हैं जो बच्चे, युवा, वृद्ध सभी के स्वास्थ्य संबंधित विकारो के जनक है। विभिन्न शारीरिक विकारो में एक विकार है मधुमेह।(Diabetes Mellitus)
Diabetes Mellitus(DM) को मधुमेह भी कहा जाता है।यह एक चयापचय संबंधी बीमारी है जिसमें खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
जब हमारे शरीर के अग्नाशय (pancreas) इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देते हैं ।तो हमारे खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।इसी स्थिति को diabetes या मधुमेह कहते हैं ।
यदि इस बीमारी को बिना इलाज के ही छोड़ दिया जाए तो यह कई और गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं ।
इंसुलिन क्या है ?
What is insuline ?
इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो कि हमारे अग्नाशय (pancreas) द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को ऊर्जा(energy)में बदलना होता है।
इंसुलिन वह हार्मोन है जो हमारे शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा बनाने में मुश्किल होती है इस स्थिति में शरीर के अंगों की हानि होना शुरू हो जाता है।इंसुलिन हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और वसा के चयापचय को नियंत्रित करता है।इंसुलिन की कमी से ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं हो पाता जिससे ग्लूकोज रक्त नलिकाओं में एकत्रित हो जाता है ।और इस प्रकार ग्लूकोज उर्जा में नहीं बदल पाता। जिससे मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति की शक्ति कम हो जाती है और उसमें ऊर्जा की कमी का एहसास होता है।
मधुमेह के प्रकार Types of diabetes
मधुमेह दो प्रकार का होता है:-
प्रथम स्तर और द्वितीय स्तर
प्रथम स्तर :-- यह मधुमेह या डायबिटीज का शुरुआती दौर होता है और जिसे नियंत्रित किया जा सकता है। प्रथम स्तर में शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। और ऐसा कई कारणों से हो सकता है।इसमें अनुवांशिक कारण भी शामिल हैं और यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है चाहे वह बच्चे हो या युवा।
प्रथम श्रेणी वाले मधुमेह में वे लोग आते हैं जिनके घर में उनके माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को यह बीमारी पहले हो चुकी है और उनकी वजह से बच्चों में भी वह बीमारी होने की संभावना होती है। यानी आनुवांशिक कारणों की वजह से यह बीमारी बड़ों से बच्चों में आ सकती है।
ज्यादातर यह बीमारी बच्चे और युवा में ही दिखाई देती है।इस स्तर के मधुमेह में इंजेक्शन के जरिए शरीर में इंसुलिन को पहुंचाया जाता है।
द्वितीय स्तर
मधुमय के इस स्तर में शरीर में रक्त शुगर बहुत ज्यादा हो जाता है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है।
मधुमेह का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जिन की दिनचर्या जो है वह अच्छी नहीं होती है। इनका खानपान सही नहीं होता है। अपने खाने-पीने में ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जैसे अत्यधिक वसा युक्त भोजन का सेवन करना,जंक फूड का सेवन करना, अत्याधिक मीठा खाना,व्यायाम ना करना, अच्छी नींद ना सोना यह सारी चीजें द्वितीय श्रेणी के मधुमेह को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
द्वितीय स्तर के मधुमेह के लिए मोटापा और जीवन जीने के तरीके मुख्य कारण होते हैं। इसी कारण से द्वितीय स्तर के मधुमेह के मामले ज्यादा सामने आते हैं। इसमे मधुमेह की दवाओं के साथ-साथ आपकी जीवनशैली में भी सुधार की आवश्यकता होती है।
यह रोग किसमे अधिक होता है ?
प्रथम स्तर और द्वितीय स्तर
प्रथम स्तर :-- यह मधुमेह या डायबिटीज का शुरुआती दौर होता है और जिसे नियंत्रित किया जा सकता है। प्रथम स्तर में शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। और ऐसा कई कारणों से हो सकता है।इसमें अनुवांशिक कारण भी शामिल हैं और यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है चाहे वह बच्चे हो या युवा।
प्रथम श्रेणी वाले मधुमेह में वे लोग आते हैं जिनके घर में उनके माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को यह बीमारी पहले हो चुकी है और उनकी वजह से बच्चों में भी वह बीमारी होने की संभावना होती है। यानी आनुवांशिक कारणों की वजह से यह बीमारी बड़ों से बच्चों में आ सकती है।
ज्यादातर यह बीमारी बच्चे और युवा में ही दिखाई देती है।इस स्तर के मधुमेह में इंजेक्शन के जरिए शरीर में इंसुलिन को पहुंचाया जाता है।
मधुमय के इस स्तर में शरीर में रक्त शुगर बहुत ज्यादा हो जाता है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है।
मधुमेह का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जिन की दिनचर्या जो है वह अच्छी नहीं होती है। इनका खानपान सही नहीं होता है। अपने खाने-पीने में ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जैसे अत्यधिक वसा युक्त भोजन का सेवन करना,जंक फूड का सेवन करना, अत्याधिक मीठा खाना,व्यायाम ना करना, अच्छी नींद ना सोना यह सारी चीजें द्वितीय श्रेणी के मधुमेह को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
द्वितीय स्तर के मधुमेह के लिए मोटापा और जीवन जीने के तरीके मुख्य कारण होते हैं। इसी कारण से द्वितीय स्तर के मधुमेह के मामले ज्यादा सामने आते हैं। इसमे मधुमेह की दवाओं के साथ-साथ आपकी जीवनशैली में भी सुधार की आवश्यकता होती है।
यह रोग किसमे अधिक होता है ?
यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता ।
मधुमेह के जो भी रोगी होते हैं उनमें सबसे ज्यादा खतरा दिल की बीमारी का भी हो जाता है यानी कि हार्टअटैक जो व्यक्ति मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है इसका कारण यह है कि इस बीमारी से शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और खून की नलिकाओं और नशे दोनों इससे प्रभावित हो जाती हैं , इसी से ही हार्ट अटैक हो सकता है ।
इस बीमारी का यदि समय पर इलाज ना किया जाए तो यह कई अन्य बीमारियों को जन्म दे सकती है ।और इसके कई हानिकारक प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ते हैं ।जैसे आंखों की रोशनी कम हो जाना और धीरे धीरे करके अगर यह बीमारी बहुत बढ़ जाए तो आदमी अंधा भी हो सकता है।
इस बीमारी का यदि समय पर इलाज ना किया जाए तो यह कई अन्य बीमारियों को जन्म दे सकती है ।और इसके कई हानिकारक प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ते हैं ।जैसे आंखों की रोशनी कम हो जाना और धीरे धीरे करके अगर यह बीमारी बहुत बढ़ जाए तो आदमी अंधा भी हो सकता है।
मधुमेह बीमारी के लक्षण
शरीर में मधुमेह या डायबिटीज होने पर कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं जिनसे यह पता लग जाता है कि किसी इंसान को मधुमेह हो गया है।
यह लक्षण निम्नलिखित है
सूख जाती हैं और उसे बार-बार प्यास लगती हैं। थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीने की इच्छा होती है ।
यह लक्षण निम्नलिखित है
बार बार प्यास लगना
मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का मुख एवं जीभ बार-बारसूख जाती हैं और उसे बार-बार प्यास लगती हैं। थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीने की इच्छा होती है ।
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