भारत में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Service Tax in India- GST)
विश्व में जीएसटी सर्वप्रथम कहाँ लागू किया गया था?
जीएसट(GST) का पूरा नाम वस्तु एवं सेवा कर(Goods and Service Tax) है।
विश्व के कई देशों में जीएसटी पहले से ही लागू है कनाडा ने सन 1991 में मैन्युफैक्चर सेल्स टैक्स को हटाकर जीएसटी लागू किया था।
जबकि आस्ट्रेलिया ने सन 2000 में central whole sale tax को हटाकर जीएसटी लागू किया था।
न्यूजीलैंड ने 1986 में जीएसटी लागू किया।
सिंगापुर ने 1994 में और मलेशिया ने 2015 में जीएसटी को अपनाया था।
भारत में जीएसटी कब लागू हुआ और यह किस देश के माॅडल पर आधारित है?
भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया जो कनाडा देश के मॉडल पर आधारित है।जीएसटी(GST) भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई
जीएसटी के लिए 122 वां संविधान संशोधन बिल 2014 में संसद में प्रस्तुत किया गया था।
भारत में सबसे पहले 2000 में जीएसटी लागू करने का विचार अटल बिहारी वाजपेई के मन में आया था।
भारत में जीएसटी लागू करने का सुझाव सर्वप्रथम विजय केलकर समिति में 2002 में दिया था।
जीएसटी(GST)विधेयक के पक्ष में कुल 336 वोट तथा विपक्ष में 11 वोट पड़े थे।
लोकसभा द्वारा 20 अगस्त 2016 तथा राज्यसभा द्वारा जीएसटी 8 अगस्त 2016 को पास किया गया था।
जीएसटी बिल पर राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी 8 सितंबर 2016 को दी।
101वां संविधान संशोधन के तहत भारत में जीएसटी लागू किया गया ।
GST का मुख्यालय दिल्ली में है तथा इसके ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन है ।
जीएसटी लागू करने वाला प्रथम और अंतिम राज्य कौन सा है?
जीएसटी लागू करने वाला प्रथम राज्य असम है जहां पर 12 अगस्त 2016 को जीएसटी लागू किया गया था और अंतिम राज्य जम्मू कश्मीर है जहां पर 5 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ।
GST लागू होने के बाद भारत में कर की स्थिति
1 जुलाई 2017 से पहले किन एवं राज्य सरकार किसी भी वस्तु पर कई तरह के के कर लगाती थी लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के वस्तु पर एक जैसा ही कर लगने लगा है।पहले 30 से 35% तक का कर देना पड़ता था।
कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था। लेकिन जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28% हो गया है। इसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं है।
जीएसटी ने भारत की अर्थव्यवस्था को "एक देश एक कर" वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। पहले भारत में रहने वाले सभी लोगों पर 17 प्रकार के अलग-अलग कर लगता था,लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद केवल एक प्रकार का ही कर चुकाना होता है।
जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी,जीएसटी सर्विस टैक्स,वेट(VAT),मनोरंजन कर,लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो गए हैं।
भारत में जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी वस्तु या सेवा पर कर वहाँ लगता हैं जहां पर वह वस्तु या व सेवा बिकेगी या उपलब्ध होगी।
जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स,वेट,लग्जरी टैक्स,सर्विस कर इत्यादि की जगह पर अब सिर्फ जीएसटी ही लगता है।
जीएसटी परिषद की स्थापना कब हुई?
जीएसटी परिषद की स्थापना 12 सितंबर 2016 को की गई थी।
जीएसटी परिषद का अध्यक्ष वित्त मंत्री होता है।
जीएसटी परिषद में सम्मिलित सदस्यों की कुल संख्या 33 है।
जीएसटी परिषद में राज्यों को दो-तिहाई तथा केंद्र को एक तिहाई वोट का अधिकार दिया गया है।
संविधान में जीएसटी परिषद को एक नए अनुच्छेद 279 में रखा गया है, और इसी में इसके गठन का प्रावधान दिया गया है।
जीएसटी परिषद में 16 तरह के प्रोडक्ट पर टैक्स की दरें घटाई हैं।
जीएसटी को कितने भागों में बांटा गया है?
जीएसटी को तीन भागों में बांटा गया है .SGST, CGST, IGSTSGST- State Goods and Service Tax
IGST- Integrated Goods and Service Tax
CGST- Central Goods and Service Tax
IGST को संविधान के अनुच्छेद 269 ए में रखा गया है ।एसजीएसटी( SGST)राज्य सरकार तथा सीजीएसटी(CGST) केंद्र सरकार लगाती है।
शराब, पेट्रोलियम वस्तुएं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी से बाहर रखा गया है।
वार्षिक टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन और भुगतान आवश्यक है।
विशेष राज्यों में यह सीमा 1000000 रखी गई है।
राज्यों को जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र द्वारा 5 वर्षों तक की जाएगी।
भारत जीएसटी लागू करने वाला 161 वां देश है। सर्वप्रथम जीएसटी बिल का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष Ashim Das Gupta थे।
जीएसटी(GST) लागू होने से लाभ
जीएसटी(GST) भारत में एक मजबूत और विस्तृत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली की नींव रखेगा रखा है इसीलिए पंजीकरण रिटर्न भुगतान जैसे सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्ध हैं जिससे इसका अनुपालन बहुत ही सरल और पारदर्शी हो गया है।जीएसटी(GST) लागू होने के बाद संपूर्ण देश में अप्रत्यक्ष कर और दरें एक समान है इस चीज की गारंटी हो गई है इससे व्यापार करना आसान हो गया है।
जीएसटी(GST) लागू लागू होने से यह सुनिश्चित हो गया है कि करो पर कम से कम कराधान हो इसे व्यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम हो गई है।
व्यापार करने में लेनदेन और निवेश घटने से व्यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिला है।
जीएसटी(GST) में केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा समस्त कर शामिल होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतियोगिता में बढ़ोतरी हुई हैऔर भारत द्वारा निर्यात को भी विस्तार मिला है।
जीएसटी(GST) लागू होने से केंद्र और राज्य स्तर पर बहुत सारे अप्रत्यक्ष करो को हटा दिया गया है।
जीएसटी के कारण भारत में मजबूत सूचना एवं प्रौद्योगिकी का ढांचा बना है जिससे करो कि अदायगी के परिणाम प्राप्त होंगे।
जीएसटी की दरें क्या है?
इसके अंतर्गत 5 तरह के कर निर्धारित किए गए हैं जिनमें 0 से लेकर 28% अर्थात 0,5,12,18 एवं 28% हैं।वैसे तो बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगता जीएसटी नहीं लगता लेकिन ऐशोंआराम के सामान व महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इनमें से 81% चीजें जीएसटी की 18% की श्रेणी तक आएंगी।
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