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Monday, May 4, 2020

Google cloud infra and Cyber insurance

 

Google cloud infra का बढ़ता उपयोग



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"कोविड -19 का परिणाम इंटरनेट पर निर्भर होता हर इंसान"


कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में लॉक डाउन होने के कारण बाजारों तथा दफ्तरों में कामकाज बंद चल रहा है।लेकिन हालात चाहे जैसे भी हो कामकाज कभी रुकता नहीं, जिंदगी कभी थमती नहीं। जिसके फलस्वरूप निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर कर्मचारी को घर से ही काम करने के लिए कह दिया गया है।


 ऐसी हालात में कामकाज के लिए ऑनलाइन माध्यमों और इंटरनेट पर निर्भरता कई गुना बढ़ गई है।

गूगल क्लाउड इंडिया के प्रबंध निदेशक करण बाजवा के अनुसार वर्तमान समय में गूगल क्लाउड इंफ्रा का इस्तेमाल बढ़ा है।

करण बाजवा ने मार्च के महीने में गूगल के प्रबंध निदेशक का पद ग्रहण किया। इस तकनीकी दिग्गज के साथ जुड़े अभी केवल एक महीने हुए हैं, लेकिन इतनी अल्प अवधि में उन्होंने अप्रत्याशित रफ्तार देखी है।बाजवा के अनुसार इसकी वजह कोविड 19 महामारी है। जिसने पूरी दुनिया को एक तरह से पंगु बना दिया है।

वर्तमान काल में दुनिया पूरी तरीके से इंटरनेट पर निर्भर हो गई है । ऐसी दुनिया में काम करने के लिए सॉफ्टवेयर की मांग में काफी इजाफा हुआ है। और इसे उपलब्ध कराने वालो में गूगल प्रमुख हैं।

गूगल के साथ जुड़ने वाले बाजवा ने कहा कि अपने क्लाउड कंप्यूटिंग उत्पादों और सेवाओं में भारी बढ़ोतरी से   कंपनी को अप्रत्याशित फायदा हो रहा है। इसका प्रमुख कारण है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन गेमिंग और स्ट्रीमिंग टीवी में बढ़ोतरी के कारण हो रहा है । इससे पहले बाजवा आईबीएम इंडिया के एमडी और इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की अगुवाई कर रहे थे

बाजवा के अनुसार वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग से आते हो,इस तकनीक को अपनाने को लेकर काफी खुलापन दिखा रहे है। इसी वजह से हम प्रत्येक व्यक्ति तक इस तकनीक को पहुंचाने में मदद करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

 Premium Video Conferencing product Google Meet 


कैलिफोर्निया की फर्म माउंटेन व्यू ने  Premium Video Conferencing product Google Meet बनाया है,जो हर किसी को मुफ्त में उपलब्ध है।

जिसके पास भी ईमेल है वह इसमें sign up कर सकता है। और इस महीने से google business और education के लिए उपलब्ध सभी फीचर्स का इस्तेमाल कर सकता है।

Google Meet को इंटरनेट उपभोक्ताओं को पसंद भी बहुत आ रहा है। 2 जनवरी से Google Meet  में रोजाना इस्तेमाल की दर में 30 गुना का इजाफा दिख रहा है।

 4 अप्रैल में Google meet ने 3 अरब मिनट का वीडियो मीटिंग होस्ट किया और हर दिन करीब 30 लाख नए user यु इस से जुड़ रहे हैं।

Google Cloud India कंपनी के मुताबिक गूगल मीट में रोजाना बैठक में भागीदारी करने वालों की संख्या पिछले हफ्ते 10 करोड़ के पार निकल गई।

बाजवा ने कहा गूगल जो कुछ कर रही है और पिछले हफ्तों में जो कुछ किया है, वह तकनीक का लोकतांत्रिक करण है।

भारत में गूगल क्लाउड का इस्तेमाल डॉ रेड्डीज लैब, इंडिया मार्ट, हीरो मोटोकॉर्प, मणिपाल हॉस्पिटल व Wipro समेत  कई बड़ी कंपनियां कर रही हैं।

  साइबर बीमा (Cyber insurance)


 ऑनलाइन माध्यमों एवं इंटरनेट पर निर्भरता के कारण साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इस तरह के खतरे से आपको सुरक्षा भी मिल सकती है।

 अगर आप साइबर बीमा लेते हैं तो आपको ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी और किसी को आपकी व्यक्तिगत एवं वित्तीय जानकारी मिल जाती है और वह उससे फायदा उठाकर आपका नुकसान कर सकता है तो इस प्रकार से होने वाले नुकसान से भी आप बचे रह सकते हैं।

भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में एक सलाह जारी की थी जिसमें ग्राहकों को साइबर अपराधियों के खिलाफ सावधान किया गया था।

 भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने भी खरीदारों को सावधान किया कि धोखाधड़ी करने वाले कुछ वेबसाइट छूट के साथ बीमा बेच रही हैं। साइबर हमले रोकने या टालने की कोशिश करने वाली केंद्रीय एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया ने भी इसी तरह की सलाह दी है। उसने बताया है कि अपने उपकरणों को ऑनलाइन कैसे सुरक्षित रखा जाए।

साइबर बीमा में दो तरह की बीमा पॉलिसी आती है corporate और individual
ये internet से जुड़े सभी उपकरणों की सुरक्षा में ऑनलाइन  सेंध से उपयोगकर्ता की सुरक्षा करते हैं।

सबसे पहले यह देखना चाहिए कि बीमा पॉलिसी में क्या क्या शामिल है कुछ बातें तो उन में जरूर शामिल होनी चाहिए जैसे अनाधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग इलेक्ट्रॉनिक सामानों का नुकसान,चोरी, ऑनलाइन परेशान करना,ई-उगाही,साइबर स्टॉकिंग, आईटी के जरिए चोरी या नुकसान, मीडिया की देनदारी के दावे, तीसरे पक्ष द्वारा निजीनिजता एवं जानकारी में सेंध आदि।

कुछ कंपनियां अलग प्रकार के फीचर्स भी देती हैं श।एचडीएफसी एर्गो की पॉलिसी में कानूनी खर्च भी शामिल होता है।

 व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी में आमतौर पर पॉलिसी कराने वाले व्यक्ति के पास मौजूद प्रत्येक उपकरण को शामिल किया जाता है। इसमें बैंक खाते, डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा ई-वालेट का बीमा भी किया जाता है।

 इसी तरह फैमिली बीमा पॉलिसी भी होती है जिसमें उस व्यक्ति के साथ उसके जीवन साथी और उस पर निर्भर 2 बच्चों को शामिल किया जाता है चाहे उनकी उम्र कितनी भी हो।

जब भी कोई बीमा पॉलिसी खरीदे तो यह जरूर देख लेना चाहिए कि उसमें किस-किस  घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है मोटे तौर पर पॉलिसी में जिन घटनाओं को शामिल नहीं किया जाता है, उनमें बेईमानी,अनुचित हरकत ,शारीरिक चोट,संपत्ति को नुकसान,अनुचित संवाद जानकारी आदि शामिल होते हैं।

इन पॉलिसियों में कुछ सीमाएं भी होती है। जैस हो सकता है कि बीमा पॉलिसी लेने वाला फिशिंग का दावा करें या सोशल मीडिया कवर मांगे तो उसे कुल इंश्योर्ड राशि का केवल 10 या 20 प्रतिशत हिस्सा ही मिलेगा क्योंकि पॉलिसी में इसे इतने पर ही सीमित किया गया होगा। इसमें कुल बीमा कृत राशि ₹1 लाख से ₹1 करोड़ तक हो सकती है।

इन पॉलिसियों में पूरी दुनिया में ऑनलाइन धोखाधड़ी तथा फर्जीवाड़े के कारण होने वाले नुकसान का बीमा किया जाता है।

 ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव करने के लिए केवल बीमा ही पर्याप्त नहीं है बल्कि आपको antivirus software भी जरूर खरीद लेना चाहिए।और आपको अपने साथ ही डेटा का नियमित रूप से बैकअप भी लेते रहना चाहिए ताकि आप पर हमला हो भी जाए तो भी आप अपना काम करते रहें।

 घरेलू उपकरणों को सुरक्षा देने वाले ज्यादातर एंटीवायरस प्रोग्राम इंटरनेट से जुड़े सभी गैजेट को सुरक्षा प्रदान करते हैं और उनकी कीमत 500 से ₹10000 तक हो सकती है।

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