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Wednesday, May 20, 2020

RIL right issue open


 RIL Right Issue Open

20 मई 2020 को रिलायंस का Right Issue open,कम कीमत में  खरीदने का सुनहरा अवसर


RIL right issue open
Reliance Industries Ltd. 

कोरोना वायरस के इस दौर में जहां विश्व में सभी जगह लॉकडाउन की स्थिति है।और इस स्थिति ने देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था को निचले स्तर पर लाने का काम शुरू कर दिया हैं। कंपनी के शेयर की वैल्यू कम हो रही है,बाजार मे मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा हैं।ऐसे हालात में एक कंपनी है जो एक के बाद एक master strick लगा रही है। उस कंपनी का नाम है, रिलायंस इंडस्ट्रीज

 पिछले कुछ दिनों से रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार चर्चा में हैं और यह चर्चा उसकी फेसबुक, सिल्वर लेक,और जनरल अटलांटिक के साथ हुई डील को लेकर थी।

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  जियो और सिल्वर लेक डील

   जियो और फेसबुक डील

   जियो और जनरल अटलांटिक डील

अमेरिकन कंपनी फेसबुक ने रिलायंस जिओ में 9.99% की हिस्सेदारी खरीदी। और अब रिलायंस नया राइट इश्यू लेकर आई है।राइट इश्यू के द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज का कैपिटल बढ़ जाएगा।

रिलायंस कंपनी द्वारा पहली बार अपने मौजूदा शेयरधारकों के लिए 20 मई को मेगा राइट्स इश्यू खोला गया।

रिलायंस कंपनी ने अपने सबसे बड़े ऐतिहासिक राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव रखा, जो 3 जून, 2020 को बंद हो जाएगा, जबकि अनुपात मौजूदा शेयरहोल्डर्स (14 मई) के अनुसार मौजूदा शेयरधारकों द्वारा रखे गए प्रत्येक 15 इक्विटी शेयरों के लिए एक राइट्स इश्यू शेयर है।

Right issue के लिए पूर्ण तिथि 13 मई थी, जिसका मतलब है किसान निवेशकों ने 13 मई से पहले रिलायंस के  शेयर खरीदे और 14 मई से पहले अपने खाते मे उन शेयरों को रखा, वे right issue के लिए  आवेदन करने के पात्र होंगे।

 राइट इश्यू क्या होता हैReliance Industries को राइट इश्यू से कैसा फायदा मिलेगा?जितने शेयर होल्डर हैं उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? इन सब चीजों के बारे में हम इस लेख में जानेगें।


राइट इश्यू क्या होता है? 

यदि कोई कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहती हैं तो इसके लिए पूंजी की जरूरत होती है।यह पूंजी वह ऋण के रूप में बैंकों से ले सकती है। लेकिन बैंको से लिया गया ऋण ब्याज युक्त होता हैं।इसमें कंपनी को मूलधन के साथ ब्याज चुकाना पड़ता है।
कंपनी पूंजी प्राप्त करने के लिए बॉन्ड इश्यू कर सकती हैं।लेकिन यह बॉन्ड एक प्रकार का कर्ज होता है।इसे भी उसे फ्यूचर में ब्याज के साथ बॉन्ड का पूरा पैसा जमा करना पड़ेगा। 
कंपनी कई बार पूंजी जुटाने के लिए IPO & FPO लेकर आती है।

IPO  क्या होता है?

IPO  का पूर्ण रूप होता हैं 
Initial Public Offering 

 IPO and FPO  दोनों एक ही तरह की चीजें हैं । लेकिन इनमें जो मुख्य अंतर होता है वह यह है कि 

IPO का मतलब होता है कि वह कंपनी अभी तक शेयर मार्केट में नहीं हैं ।जैसे NIFTY, SENSEX में लिस्टेड नहीं हुई है।

 इसका मतलब है कि जो कंपनी IPO लेकर आई है उसका शेयर हम निफ्टी या सेंसेक्स से नहीं खरीद सकते।  

FPO क्या होता है ?

FPO का पूर्ण रूप हैं 
Follow in Public Offering

FPO का मतलब होता है एक कंपनी मार्केट में पहले से listed हैं लेकिन वह अपने और शेयर मार्केट में लेकर आई है।

 Right Issue एक ऐसा तरीका होता है जिसके द्वारा पहले से ही लिस्टेड कंपनी लोगों से अतिरिक्त पैसा लेती हैं।लेकिन इसमें वह सीधे लोगों के पास नहीं जाती है बल्कि पहले उन लोगों को मौका मिलता है,जो उस कंपनी के पुराने शेयर होल्डर होते हैं।

 जैसे कि अभी रिलायंस कंपनी अपना राइट इश्यू लेकर आई है।तो सबसे पहले उन लोगों को मौका मिलेगा जो रिलायंस कंपनी के पहले से ही शेयर होल्डर है। अर्थात उन लोगों ने पहले से ही रिलायंस कंपनी के शेयर ले रखें हैं । लेकिन यदि यह सारे शेयर पुराने शेयर होल्डर के द्वारा नहीं खरीदे जाते तब इसमें नए लोगों को मौका दिया जाएगा।

 इस स्थिति में पहला मौका या हक पुराने शेयर होल्डर को दिया जाता है इसीलिए यह राइट इश्यू कहलाता है।


Share holder Pattern  Reliance Industries Ltd.
Holder's Name.    No. of share .   % of share Holding

No. of shares .             6339203530 .          100%

Promoters .                  3098084968           48.87%
ForeignInstitution      1517995217.         23.95%
Central Govt.               12020356 .              0.19%
Others .                         170552921.             2.69%
NBanksMutualFunds 324912737              5.13%
General Public .           540781971.             8.53%
Financial Institution  527965590.              8.33%
GDR.                              146890770.                2.32%

यह  Reliance Industries के शेयर होल्डर की लिस्ट है। 
इस लिस्ट में इस कंपनी के कुल शेयर 6339203530 हैं। मान लीजिए कि कंपनी कहती है कि वह इसमें 100000 शेयर और जोडे़गी।लेकिन यह जो 100000 शेयर नए होंगे,इसे खरीदने का मौका सबसे पहले जो लिस्ट में हैं उन्हें दिया जाएगा उनके शेयर होल्डिंग के आधार पर।
इस उदाहरण से  आपको समझ में आ गया होगा कि राइट इश्यू क्या
होता है।

अनुपात क्या होगा


रिलायंस कंपनी के निदेशक मंडल ने राइट इश्यू का अनुपात 1:15 तय किया है। इसका मतलब है एक कंपनी हर 15 शेयर रखने वाले अपने शेयरधारकों को एक शेयर खरीदने का मौका देगीं। कंपनी ने यह भी तय किया है कि इसके प्रमोटर अपने हिस्से के लाइट का प्रयोग करेंगे साथ ही इक्विटी होल्डर मद में यदि कोई शेयर unsubscrib रह जाता है तो उसे भी promoters ही खरीद लेंगे.

 Reliance Industries53,125 करोड़ रुपए का right issue लेकर आई है। जो रिलायंस कंपनी के पुराने शेयर होल्डर उन्हें पहले मौका मिलेगा।और ऐसे शेयर होल्डर जिनके पास 15 शेयर रिलायंस कंपनी के हैं उन्हें इसमें से एक शेयर खरीदने का मौका दिया जाएगा।

 जिनके पास 30 शेयर हैं उन्हें 2 शेयर खरीदने का मौका दिया जाएगा इस तरीके से इसमें पुराने शेयर होल्डर को मौका दिया जाएगा।



Reliance Industries को right issue  से कैसा फायदा मिलेगा?

Reliance Industries राइट इश्यू के ज़रिए 53,125 करोड़ रुपये प्राप्त करेगी। 


Share Holders को right issue से क्या फायदा मिलेगा?

अब सवाल यह उठता है कि इस right issue से रिलायंस कंपनी के शेयर धारको को क्या फायदा मिलेगा?

 Reliance Industries का वर्तमान मार्केट प्राइस 1467 रुपये है लेकिन जो पुराने शेयर होल्डर हैं उन्हें नए शेयर 1257 रुपए में मिलेंगे इस प्रकार पुराने शेयर होल्डर को इसमें फायदा मिलेगा। इसीलिए इसे राइट इश्यू कहा जाता है।

Reliance Industries पहली बार right issue लेकर आई है हालांकि कंपनी अपने शेयरधारकों को कई बार बोनस शेयर उपहार स्वरूप दिया था। सन 1983 में रिलायंस ने 5 शेयर के बदले 3 शेयर बोनस के रूप में दिया था। उसके बाद सन 1997,2009 और 2017 में बोनस शेयर  जारी किया था।


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