वेतन संहिता विधेयक, 2019 Code on Wages Bill 2019 - DailyNewshunt

News in Hindi,English,Health,Homemade Remedies, Education,Life Style and Spiritual View

Breaking

Featured

Sunday, July 12, 2020

वेतन संहिता विधेयक, 2019 Code on Wages Bill 2019

वेतन संहिता विधेयक, 2019 Code on Wages Bill 2019



code on wages bill 2019


केंद्र में, नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा  बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में वेतन संहिता विधेयक,2019 को मंजूरी मिल गई जिसे इस साल सितंबर तक लागू करने की संभावना है। इसके जरिए सरकार तय समय के लिए रोजगार से जुड़े प्रावधानों को अब कानून का रूप देने जा रही है।
 केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 7 जुलाई को जारी मसौदा नियमों को आधिकारिक राजपत्र में डाल दिया है। पीटीआई ने बताया कि यह 45 दिनों के लिए सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए खुला रहेगा और यदि इसमें किसी भी प्रकार की परेशानी सामने नहीं आती हैं तो इसे लागू किया जाएगा। 
वेतन संहिता विधेयक,2019 को संसद ने पिछले साल अगस्त, 2019 में मंजूरी दी थी। नए वेतन संहिता से देश में लगभग 50 करोड़ श्रमिकों को लाभ होने की उम्मीद है।
वेतन संहिता विधेयक,2019 को संशोधित और समेकित किया गया हैं।यह संशोधन मजदूरी, बोनस से संबंधित कानूनों में किया गया है। 

वेतन संहिता विधेयक,2019 (Code on Wages Bill) के मुुुख्य बिंदु 

चार संहिताओं में यह पहली संहिता है जो अधिनियम बनने जा रही है।
 यह चार संहिताएँ हैं:-   वेतन संहिता औद्योगिक संबंध संहिता, समाजिक तथा पेशागत सुरक्षा संहिता, स्वास्थ्य व कार्य शर्त संहिता।
वेतन संहिता विधेयक एक ऐतिहासिक विधेयक है जो संगठित व असंगठित क्षेत्र के 50 करोड़ श्रमिकों को न्यूनतम वेतन तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की वैधानिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
वेतन संहिता एक मील का पत्थर है जो देश के प्रत्येक श्रमिक को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करेगा।
वेतन के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करने के लिए एक त्रिपक्षीय समिति समान वेतन का निर्धारण करेगी।
 इस समिति में मजदूर,यूनियनोंं,रोजगार प्रदान करने वाले संगठनों तथा राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
आवश्यकता पड़ने पर इस समिति के द्वारा एक तकनीकी समिति का भी गठन किया जा सकता है।
वेतन संहिता विधेयक,2019 ने सभी कर्मचारियों के  लिए चाहे वह किसी भी क्षेत्र से, किसी  भी वेतन स्तर से संबंधित हो,न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान के प्रावधान को सार्वभौमिक बना दिया है। 
वेतन संहिता विधेयक,2019 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि वेतन भुगतान में देरी से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो।
वेतन संहिता विधेयक,2019 के बाद कंपनी 3 महीने या 5 महीने के लिए भी कर्मचारियों को रख सकती है और काम खत्म होने पर कर्मचारियों को निकालने का अधिकार भी कंपनी के पास रहेगा।
मौजूदा नियमों के मुताबिक यदि किसी कंपनी में 100 या इससे ज्यादा कर्मचारी हैं तो छटनी से पहले कंपनी को सरकार की इजाजत लेनी होती है।
 वेतन संहिता विधेयक,2019 में 100 कर्मचारियों की सीमा तो बरकरार रखी गई है लेकिन साथ में एक नया प्रावधान जोड़ दिया गया है जिसके मुताबिक कोई भी कंपनी अधिसूचना के जरिए 100 कर्मचारियों की सीमा घटा या बढ़ा सकती है।
निश्चित समय के लिए रखे गए कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के बराबर ही सुविधाएं देनी होंगी।जैसे :-ग्रेजुएटी,बोनस, पीएफ। 
वर्तमान समय में तय समय के लिए कर्मचारी कांट्रेक्टर के जरिए ही रखे जाते हैं।वेतन संहिता विधेयक,2019 के बाद कंपनी स्वयं ही कर्मचारियों को रख सकती है।
वेतन संहिता विधेयक,2019 से मजदूरी करने में समान काम के लिए समान वेतन के प्रावधान को लागू किया गया हैं। मजदूरी करने वाले पुरुष या स्त्री  सभी को बराबर मजदूरी  प्राप्त हो इसमें लैैंगिक भेेेेदभाव न हो यह सुनिश्चित किया गया है।

वेतन संहिता विधेयक,2019 की विशेषताएँ (Features of Code of Wages Bill,2019) 

 इस विधेयक से हर काम वालों के लिए भरण पोषण का अधिकार सुनिश्चित होगा और वर्तमान में मौजूद लगभग 40 से 100% मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के विदा कानूनी संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
वेतन संहिता अधिनियम 2019 के माध्यम से न्यूनतम वेतन प्रणाली को सरल और युक्तिसंगत बनाया गया है वर्तमान समय में अधिकांश राज्यों में अलग-अलग न्यूनतम वेतन है।
इस अधिनियम के बाद न्यूनतम वेतन निर्धारण मुख्य रूप से स्थान और कार्य कौशल पर ही आधारित होगा।देश में मौजूद 2000 न्यूनतम वेतन दरों में कटौती होगी और न्यूनतम वेतन की दरों की संख्या कम होगी।
इस विधेयक के बाद न्यूनतम जीवन यापन की स्थिति यों के आधार पर वेतन मिलने से देश में 50 करोड़ कामगारों के प्रव गुणवत्ता पूर्ण जीवन स्तर को बढ़ावा मिलेगा।
 इस विधेयक में राज्यों द्वारा कामगारों को वेतन का भुगतान डिजिटल माध्यम से करने की परिकल्पना की गई है।
मजदूरी पर कोड ने श्रम की परिभाषा को सरल बनाया है। यह मुकदमेबाजी को कम करने और नियोक्ताओं के लिए अनुपालन लागत को कम करने की उम्मीद है।
वेतन संहिता विधेयक 2019 में निरीक्षण प्रक्रिया से संबंधित अनेक परिवर्तन किए गए हैं।
 इसमें वेब आधारित रेंडम कंप्यूटरीकृत परीक्षण योजना, अधिकार क्षेत्र मुक्त निरीक्षण, निरीक्षण के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से जानकारी मांगना और जुर्माने का संयोजन भी शामिल है।
मसौदा नियमों के अनुसार, मजदूरी संहिता के तहत आठ घंटे का कार्य दिवस अनिवार्य होगा। 
वेतन संहिता विधेयक 2019 के इन विशेषताओं के कारण यह कहा जा सकता है कि न्यूनतम वेतन के वैधानिक संरक्षण को सुनिश्चित करने तथा देश के 50 करोड़ श्रमिकों को समय पर वेतन का भुगतान करने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम भारत सरकार द्वारा उठाया गया है।

No comments:

Post a Comment

right column

bottom post