Consumer Protection Act-2019:- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून 2019
सोमवार 20 जुलाई, 2020 , को उपभोक्ताओं
को राहत दिलाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) कई बदलाव लेकर आया है। इस कानून के तहत घटिया समान बेचने वालों, उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
घटिया और निम्न क्वालिटी का सामान बेचने वालों को 6 महीने की जेल हो सकती है या ₹1 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अब ग्राहक किसी भी उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकेगे।
वर्तमान उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत वही की जा सकती थी जहां से सामान खरीदा गया हो। परंतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून 2019 के अंतर्गत आप कहीं से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं जरूरी नहीं है कि आपने जहां से सामान खरीदा हो वहीं से ही शिकायत दर्ज करें।
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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून 2019 के तहत यदि ग्राहक को बड़ा नुकसान होता है तो मुआवजे के रूप में उसे ₹5 लाख तक मिलेंगे और उत्पादक जिसके द्वारा ग्राहक का नुकसान हुआ उसे 7 साल की जेल होगी।
यदि किसी उत्पाद से उपभोक्ता की मौत हो जाती है तो मुआवजा 10 लाख, 7 साल या आजीवन कारावास भी संभव होगा। उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में सभी ई-कॉमर्स कंपनियां भी आएंगी।
उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 ,उपभोक्ता कानून 1986 का स्थान ग्रहण करेगा ।
उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 के अंतर्गत उपभोक्ताओं की सेवाओं और उत्पादों से जुड़े अधिकार निम्नलिखित हैं :
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून 2019 के अंतर्गत अब ऐसी वस्तुओं की बिक्री और सेवाओं से उपभोक्ताओं का बचाव होगा जिससे जीवन व संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है।
- उपभोक्ताओं को सामान की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता,कीमत व मानक के बारे में सही जानकारी देनी अनिवार्य होगी ।
- बाजार में उपलब्ध विभिन्न सामानों की किस्म और उसकी प्रतिस्पर्धा वाली वस्तु में उपभोक्ता को चुनने का अधिकार होता।
- उत्पाद में किसी भी तरह की शिकायत होने पर तुरंत कार्यवाही का प्रावधान भी होगा।
- उपभोक्ता द्वारा की गई शिकायत पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा गंभीरता से सुनवाई की जाएगी। उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा जिससे अपना हक जान सकेंगे।
- इस कानून के तहत सेलिब्रिटीज की भी जवाबदेही तय होगी। यदि कोई सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन करता है तो उस पर भी 10 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है ।सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वह किसी भी उत्पाद का प्रचार करने से पहले उस उत्पाद के बारे में अच्छे से जानकारी कर ले।और विज्ञापन में जो बातें कही जा रही हैं वह कितनी सही है इसकी भी जांच पड़ताल कर ले।
- मिलावटी सामान और और खराब उत्पाद पर कंपनियों पर जुर्माना व मुआवजे का प्रावधान है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार जितनी भी ई-कॉमर्स कंपनियां है उन पर भी यह नियम लागू होगा अर्थात वह भी इस नियम के दायरे में आएंगी।
- घटिया सामान बेचने वालों को 6 महीने की जेल हो सकती है या ₹1 लाख जुर्माना देना पड़ सकता है यदि ग्राहकों को बड़ा नुकसान होता है तो कंपनी को ₹5 लाख रुपए मुआवजा देना होगा और 7 साल की जेल की हवा भी खानी पड़ेगी।
- यदि किसी उत्पाद से उपभोक्ता की जान चली जाती है तब कंपनी को ₹10 लाख मुआवजा देना पड़ेगा और उसे 7 साल या आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
केंद्र सरकार उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन करेगी यह उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी करने वालों और भ्रामक विज्ञापन फैलाने वालों पर नजर रखेगा। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण कि अपनी जांच एजेंसियां भी होंगी जो स्वतंत्र रूप से कार्य करेंगे इनकी जिम्मेदारी डायरेक्टर जनरल के हाथ में होगी।
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