माता कालरात्रि
माता कालरात्रि
कालरात्रि असुर रक्तबीज के संघार करने के लिए मां दुर्गा ने अपनी छवि से कालरात्रि माता की उत्पत्ति की जब मां दुर्गा ने रक्तबीज का वध किया तब भी कालरात्रि ने रक्तबीज का सारा रक्त पृथ्वी पर पढने से पहले ही पी लिया था कि उसका पता कि उसके पुणे उत्पत्ति ना हो पाए मां कालरात्रि का वाहन गधा है एवं माता का रंग काला है मां कालरात्रि हमेशा शुभ फलदायक हैं। इन्हें शुभ कारी के नाम से भी जाना जाता है।
माता का स्वरुप
माता का वर्ण श्याम है एवं बाल बिखरे हुए है। माता के गले में मुंड माला है। माता की चार भुजायें हैऔर माता का वाहन गर्दभ है।
पूजन सामग्री
माता की पूजन सामग्री में गुड़ का विशेष महत्व है। इसमें माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है।
महत्व
माता के इस रूप की पूजा करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है ,दुश्मनो का नाश होता है ,भूत प्रेत ,दानव,राक्षस आदि असुरी शक्तियों का नाश होता है।
यह भी देखे
माता कालरात्रि
माता का स्वरुप
माता का वर्ण श्याम है एवं बाल बिखरे हुए है। माता के गले में मुंड माला है। माता की चार भुजायें हैऔर माता का वाहन गर्दभ है।
पूजन सामग्री
माता की पूजन सामग्री में गुड़ का विशेष महत्व है। इसमें माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है।
महत्व
माता के इस रूप की पूजा करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है ,दुश्मनो का नाश होता है ,भूत प्रेत ,दानव,राक्षस आदि असुरी शक्तियों का नाश होता है।
यह भी देखे
No comments:
Post a Comment