माता महागौरी
माता महागौरी
महागौरी पुराणों के अनुसार जब मां ब्रह्मचारिणी ने शिवजी की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की तब उनका शरीर बहुत दुर्बल एवं काला हो गया था शिवजी के प्रसन्न होने के पश्चात माता ने गंगा में स्नान किया जिससे मां का रूप गोरा हो गया इसी कारण माता का नाम महागौरी पड़ा कुछ पुराणों के अनुसार रखतबीज संघार करने के बाद मां कालरात्रि ने गंगा मैं स्नान कर पुनः सुंदर काया प्राप्त की।
माता का स्वरुप
मां महागौरी नंदी की सवारी करती हैं चार भुजा धारी है। एक हाथ में त्रिशूल तथा डमरु, दूसरे में गदा है।
पूजन सामग्री
पूजन सामग्री में नारियल का विशेष महत्व है।
महत्व
माता की पूजा करने से अलौकिक दिव्य शक्तियों की प्राप्ति होती है। दुःख,दरिद्र दूर होता है असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।
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