माता कात्यायनी
माता कात्यायनी
माता छष्ठ रूप माता कात्यायनीकहलाता है। विश्व प्रसिद्ध ऋषि कात्यायन ने मां भगवती की कठिन उपासना की उनकी इच्छा थी किमाता भगवती उनके यहाँ पुत्री के रूप में जन्म ले। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां भगवती ने ऋषि के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। कात्यायन ऋषि के घर जन्म लेने के कारण कात्यायनी कहलाई।
माता का स्वरुप
माता अपने इस रूप में सिंह पर विराजमान। उनका रूप अनुपम सौंदर्य से सुसज्जित है। माता की चार भुजाएँ है। एक हाथ में तलवार तथा दूसरे में कमल पुष्प है। अन्य दोनों भुजाएँ ऐक वरदान देने की मुद्रा में तो दूसरी अभय मुद्रा में है।
पूजा सामग्री
माता की पूजन सामग्री मेंअन्य सामग्री के साथ शहद का विशेष महत्व है।माता को शहद का भोग लगाया जाता है।
उपासना का महत्व
इस देवी की उपासना करने वाले जातक के समस्त दुर्गुणों का नाश होता है। जातक के व्यक्तित्व में निखार आता है। उपासक की मनोकामना पूर्ण होती है।
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