माता स्कंदमाता
स्कन्धमाता |
माता स्कंदमाता
माता के पंचम रूप का नाम स्कन्द माता है।माता शैलपुत्री ने तपस्या करने बाद शिव जी से विवाह किया जिसके उपरांत वह कार्तिकेय (स्कन्द )की माता बनी।इसलिए इन्हें मां कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिकेय देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस रूप के स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।
माता का स्वरुप
चार भुजा धारी माता शेर की सवारी करती हैं तथा इनके गोद में कार्तिकेय जी बैठे हैं।माता की दाहिनी भुजा में कमल का पुष्प है।
पूजा सामग्री
माता की पूजा अर्चना में अन्य सामग्रियों के साथ विशेष रूप से केले को सम्मलित किया जाता है ,माता को केले का भोग लगा कर प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।पूजा का महत्व
Mata mahagauri
Mata chandraghanta
Mata kalratri
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