A deal between Silver Lake and JIO
Reliance Industries की सहायक ईकाइ जियो(JIO)इन दिनों चर्चा में है। यह चर्चा जिओ और फेसबुक की डील को लेकर थी। और अभी दोबारा फिर से यह चर्चा में आई है क्योंकि इस बार मुकेश अंबानी के डिजिटल वेंचर जिओ प्लेटफार्म में अमेरिकी कंपनी सिल्वरलेक ने हिस्सेदारी खरीदी है।
दुनिया भर में कोरोना महामारी से प्रभावित सभी औद्योगिक इकाइयां घाटे की ओर अग्रसर हो रही हैं।इन्हीं औद्योगिक इकाइयों में एक नाम रिलायंस कंपनी का भी है।
रिलायंस कंपनी के शेयर गिरने से इस कंपनी का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई रिलायंस कंपनी, अमेरिका की कंपनियों के साथ डील करके पूरा करने की कोशिश में प्रयासरत है।
विश्व की सबसे बड़ी टेक निवेशक कंपनी सिल्वर लेक ने सोमवार को बताया कि 5655.75 करोड़ की लागत से जियो प्लेटफार्म में 1.15फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी।
Reliance Industries लिमिटेड का कहना है कि कर्ज और बकाया चुकाने के लिए अपनी डिजिटल फर्म में 20%रणनीतिक विनिवेश करेगी। इसमें से आधी हिस्सेदारी फेसबुक पहले ही खरीद चुका है।
सिल्वर लेक के सहायक सीईओ एगोन डरबन ने कहा डील के लिए अभी नियामकीय मंजूरियां लेनी है।
अमेरिका की सिलवर लेक का दुनिया भर की बड़ी-बड़ी तकनीकी कंपनियों से भागीदारी का शानदार रिकार्ड रहा है।
देश के डिजिटल स्वरूप को बदलने और उसकी वृद्धि में शामिल होने पर मुकेश अंबानी ने भारत में इस कंपनी के निवेश का स्वागत किया है। और कहा कि इस प्रकार का निवेश सभी भारतीय के लिए लाभकारी होगा।
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15 दिन पहले मार्च के महीने में जिओ कंपनी में फेसबुक ने 9.99% की हिस्सेदारी खरीदी थी। यह सौदा रिलायंस कंपनी के लिए फायदे का सौदा था क्योंकि इस सौदे से रिलायंस अपना कर्ज उतारने में सहायता प्राप्त करेगी।
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अमेरिका की दूसरी कंपनी सिलवर लेक ने जियो में फेसबुक की तुलना में कम हिस्सेदारी खरीदी है। उसने मात्र 1.15 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीद लेकिन इसे 12.5 फ़ीसदी ज़्यादा दाम पर बेचा गया है।
कंपनी ने कहा कि इस सौदे से जियो प्लेटफार्म का मूल्यांकन शेयर के आधार पर 4.90 लाख करोड रुपए और एंटरप्राइज मूल्य के हिसाब से 5.15लाख करोड़ रुपए हो गया है।
अमेरिका की कंपनी सिल्वरलेक का भारत में यह दूसरा निवेश है।पहला निवेश सन 2013 में अमेरिका की इस कंपनी ने एका सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस में निवेश किया था। यह कंपनी कमोडिटी प्रबंधन समाधान मुहैया कराती है ।
सिलवर लेक का एयरबीएनबी, एक्सपीडिया और ट्विटर में भी निवेश है।
सिल्वर लेक के साथ ही कुछ अन्य कंपनियों ने 2009 में स्काइप में हिस्सेदारी खरीदी थी।हालांकि दो साल बाद सिलवर लेक ने इससे अपना निवेश निकाल लिया था।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस में वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कार्पोरेट फाइनेंस विकास हलान ने कहा,7 अरब डालर के राइट इश्यू की घोषणा और सिल्वरलेक तथा फेसबुक के निवेश के साथ रिलायंस अपने कर्ज को 21.4 अरब डालर से घटाकर 13.6 अरब डालर कर सकती है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी मूलतः ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी कंपनी है ।लेकिन बाजार का मानना है कि रिलायंस ऊर्जा कंपनी से अलग डिजिटल कंपनी बनने की ओर अग्रसर है।
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि
सिल्वरलेक दुनियाभर में अग्रणी तकनीकी कंपनियों के लिए मूल्यवान साझेदार है।हम भारत में डिजिटल समाज में व्यापक बदलाव के लिए इसके वैश्विक तकनीकी संबंधों का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं। वहीं सिल्वर लेकर मैनेजिंग पार्टनर अकाउंट डाबर ने कहा जिओ प्लेटफॉर्म दुनिया की बेहतरीन कंपनियों में से एक है जिसका नेतृत्व एक मजबूत और उद्यमशीलता प्रबंधन कर रहा है।
सिल्वर की एक और जिओ के बीच हुई इस डील से रिलायंस को कर्ज कम करने और मूल्यांकन सुधारने में मदद मिलेगी।


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