1962-भारत- चीन युद्ध
1962-India-China War
अमेरिका और ब्रिटेन ने तो खुलकर भारत को समर्थन दिया था। रूस शांत था उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं थी।
पाकिस्तान भारत के खिलाफ था। भारत और चीन युद्ध के बीच दुनिया दो भागों में बंट गई थी।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 1962 के युद्ध में कौन से देशों ने भारत का साथ दिया था और किसने विरोध किया था।
1962-भारत- चीन युद्ध (1962-India-China War)
वर्तमान में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पुनः जारी है। दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने-सामने गलवां घाटी में खड़ी है।दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
इस शहादत से देशभर में गुस्से का माहौल है। लोग चीन से भारत के सपूतों की शहादत का बदला लेने और चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं। इस विवाद में भारत को कई देशों का साथ भी मिल रहा है।परंतु कुछ देश ऐसे भी हैं जो 1962 के युद्ध की तरह चीन के साथ नजर आ रहे हैं।
क्या आप जानते है कि जब 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था तो भारत की सबसे अधिक सहायता उस देश ने की थी जिससे भारत को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी।
दो पक्षो में बंट गई थी दुनिया
1962 में जब भारत और चीन का युद्ध हुआ तो पूरी दुनिया दो पक्षो में बंटी हुई थी। एक पक्ष सोवियत संघ का साम्यवादी पक्ष था जो पूर्वी खेमा कहलाता था और दूसरा पक्ष अमेरिका और मित्र देशों का था।
इसी समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू गुटनिरपेक्ष देशों का आंदोलन खड़ा कर रहे थे।
यद्यपि, भारत ने सोवियत संघ जो वर्तमान रूस है, से मिग विमानों की खरीद की जिससे ब्रिटेन और अमेरिका भारत से नाराज हो गए थे ।
1962 में भारत और चीन के युद्ध से पहले सोवियत संघ भारत से लगातार दोस्ती की बात कर रहा था और वह अपने आपको भारत का हितैषी कह रहा था लेकिन भारत और चीन का युद्ध होते ही वो शांत होकर बैठ गया था।
किस देश ने दिया था खुलकर साथ?
1962 में भारत और चीन के युद्ध में अमेरिका ने भारत का साथ दिया था। जिसकी भारत ने कभी उम्मीद नहीं की थी।अमेरिका ने इस युद्ध में भारत की हथियारों से भी सहायता की और अपना पूरा समर्थन खुल कर भारत को दिया।
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी ने भारत का साथ दिया। उन्होंने 02 नवंबर 1962 को कोलकाता में 7 विमानों से भारत को हथियार भेजे थे।
भारत का साथ देने की एक वजह सोवियत संघ और अमेरिका के बीच क्यूबा को लेकर चल रही जबरदस्त तनातनी भी थी।
किस देश ने पाकिस्तान पर बनाया था दवाब?
अमेरिका ने पर्दे के पीछे भी बड़ी भूमिका निभाई थी। उसने सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान उस समय पश्चिम छोर से भारत पर आक्रमण नहीं करेगा।
तत्कालीन नई दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत जॉन कैनेथ गालब्रेथ की प्रकाशित डायरी से साफ पता चलता है कि अमेरिका ने इस युद्ध को रोकने, चीन पर दबाव डालने और पाकिस्तान को शांत रखने में काफी सक्रियता दिखाई थी।
चीन को लगा, भारत और चीन के युद्ध में, कोई भी देश भारत की मदद नहीं करेगा।
1962 में जब चीन ने भारत पर हमला किया तो उसे लग रहा था कि अमेरिका और सोवियत संघ आपस में उलझे हुए हैं तो कोई भी देश भारत की मदद नहीं कर पाएगा।
इसके बाद भी अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने भारत के लिए समय निकाला और खुलकर मदद की।
1962 में भारत और चीन के युद्ध में कौन सा देश भारत को सैनिक मदद देने को तैयार था?
भारत पर चीन के आक्रमण के बाद ब्रिटेन में तुरंत संसद की बैठक हुई। जिसे रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने संबोधित किया।
संसद के नए अधिवेशन में अपना अभिभाषण देते हुए उन्होंने भारत को पूरा समर्थन दिया था।
उन्होंने कहा था कि इस संकट की घड़ी में ब्रिटेन पूरी तरह से भारत के साथ है। अगर भारत चाहे तो हम उसे सैनिक मदद दे सकते हैं।
कौन से देश खुलकर समर्थन में नहीं आए
अमेरिका और ब्रिटेन की तरह गुटनिरपेक्ष देश भारत के समर्थन में खड़े होते नहीं दिखाई दिए। केवल मिस्र और यूनाइटेड अरब रिपब्लिक ही खुलकर भारत के समर्थन में आए।
बाद में 10 दिसंबर 1962 में गुटनिरपेक्ष देशों ने श्रीलंका में एक मीटिंग कर चीन से अनुरोध किया था कि उसकी सेना 20 किमी पीछे हट जाए।
कौन सा देश तटस्थ था?
1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के दौरान सोवियत संघ (रूस) चुप रहा और उसने न तो किसी का साथ दिया और न ही किसी के खिलाफ था। वह पूरी तरह तटस्था था।
हालांकि 50 के दशक के आखिर में सोवियत संघ ने भारत के साथ प्रगाढ़ दोस्ती का वादा किया। तब भारत ने अमेरिका और ब्रिटेन को नाराज करके उससे मिग विमान खरीदने का फैसला किया।
1962 में भारत और चीन के युद्ध में कौन से देश भारत के साथ थे?
1962 में भारत और चीन के युद्ध में भारत के पक्ष में जो देश खड़े थे उन्होंने खुले तौर पर चीन की कार्रवाई को गलत बताया था। उसमें ऑस्ट्रेलिया, साइप्रस, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, न्यूजीलैंड, मेक्सिको, कनाडा, जापान, ईरान, हॉलैंड, स्वीडन और इक्वाडोर आदि शामिल थे।कौन सा देश भारत के खिलाफ था?
1962 में भारत और चीन के युद्ध में पाकिस्तान भारत के खिलाफ था लेकिन वह कुछ नहीं कर पाया था।पाकिस्तान की भूमिका युद्ध में निश्चित तौर पर चीन के साथ थी लेकिन अमेरिका की दखलअंदाजी के कारण वो शांत रहा।
नेपाल देश जो इस समय भारत को आंख दिखा रहा है 1962 में भारत और चीन के युद्ध में वह भारत के साथ खड़ा था।
उसने युद्ध में भारत को अपनी जमीन सैन्य इस्तेमाल के लिए भी दी थी।
No comments:
Post a Comment