Road Milestone colours code:- भारतीय राजमार्गों पर लगे विभिन्न रंगों के मील के पत्थर, शून्य मील केंद्र (Zero Mile Center) और सड़क के बीच में खिंची रेखाओं का क्या मतलब होता है
हम सभी को अक्सर विभिन्न प्रकार के वाहनों से यात्रा करनी होती है।यह यात्रा लोगों को रेलवे, एयरवेज या राजमार्गों से करनी होती है।इसलिए हमे इनसे संबंधित नियमों के बारे में पता होना चाहिए।
इस लेख में हम आपको भारतीय राजमार्गों पर लगे विभिन्न रंगों और मील के पत्थर, शून्य मील केंद्र (Zero Mile Center)' और सड़क के बीच में खिंची रेखाओं के बारे में जानकारी देने जा रहे है जो आप लोगों को पता होना चाहिए।
What is the meaning of Road Milestone Colours Code? विभिन्न रंगों के मील के पत्थरों का मतलब क्या हैं?
राजमार्गों पर यात्रा करते समय, आप लोगों ने देखा होगा कि सड़क पर कुछ अलग-अलग प्रकार के रंगों से निशान लगाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि इन निशान या रंग का क्या अर्थ है?
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सड़क पर यात्रा करने के दौरान अगर आपको सड़क के किनारे पीले और सफ़ेद रंग के मील के पत्थर दिखाई दे तो आप समझ जाइए कि आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहे हैं।
NS-corridor मतलब उत्तर-दक्षिण गलियारा जो एक राष्ट्रीय राजमार्ग हैं और यह जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जाता हैं। EW-corridor (पूर्व-पश्चिम गलियारा) यह राष्ट्रीय राजमार्ग असम में पोरबंदर से सिलचर तक जाता हैं ।राष्ट्रीय राजमार्ग- स्वर्णिम चतुर्भुज यह भारत में चार मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को आपस में जोड़ता हैं ।यह सब राष्ट्रीय राजमार्गों का ही हिस्सा है।
देश के इन सभी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण एवं देखभाल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करता है।
हरी और सफेद पट्टियाों वाला मील का पत्थर (Green and white strips milestone)
यदि आपको सड़क के किनारे हरे रंग की पट्टी वाला मील का पत्थर दिखाई देता है, तो इसका मतलब है कि आप राज्य राजमार्ग पर हैं।सड़क के किनारे सफ़ेद और हरे रंग के मील के पत्थर राज्य राजमार्ग पर होते हैं जो राज्य के विभिन्न शहरों को आपस में जोड़ते हैं राज्य राजमार्गों का निर्माण और संचालन का दायित्व राज्य सरकारों पर होता है।
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नीली या काली और सफेद पट्टियों वाला मील का पत्थर (Blue or black and white strips milestone)
नारंगी पट्टी वाला मील का पत्थर (Orange and white strips Milestone)
यदि आप किसी सड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर एक नारंगी पट्टी देखते हैं, तो आप एक ग्रामीण सड़क पर यात्रा कर रहे हैं। नारंगी पट्टी वाला मील का पत्थर ग्रामीण सड़कों पर होते हैं और यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत आती हैं।यह भी पढ़ें 👇
शून्य मील केंद्र (Zero Mile Center) क्या हैं ?
शून्य मील केंद्र (Zero Mile Center)' वह स्थान था जिसे ब्रिटिश सरकार बाकी सभी शहरों की दूरियों को मापने के लिए एक संदर्भ बिंदु के रूप में इस्तेमाल करते थे।'शून्य मील केंद्र' के रूप में नागपुर ने कार्य किया और इस प्रकार औपनिवेशिक भारत के भौगोलिक केंद्र के रूप में कार्य किया।
'शून्य मील केंद्र' में चार घोड़े और एक बलुआ पत्थर का खंभा है जिसमें भारत के प्रमुख शहरों के बीच सड़क की दूरी कितनी है इसकी सही जानकारी देने वाली एक सूची है।
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इन मील के पत्थरों के अलावा भी कई और रेखाएं है जिसके बारे में भी जानना आवश्यक हैं।
1.Two parallel yellow line
सड़क पर दो parallel पीले रंग की रेखा का मतलब होता है कि न तो आप किसी अन्य गाड़ी को pass दे सकते हैं और न ही खुद आगे निकल सकते हैं। आपको एक ही गति पर रहतेे हुए आगे बढ़ना है।
यह लाइन उन सड़कों पर होती है जहां कोई विभाजक नहीं हैं। ऐसी लाइन वाली सड़को पर दूसरी गाड़ी को ओवरटेक किया जा सकता है, पर सावधानीपूर्वक।
इसका मतलब है कि कटी लाइन की तरफ गाड़ी चलाने वाला आगे निकल सकता है, लेकिन यदि आप सीधी रेखा पर हैं, तो आपको ओवरटेक करना मना हैं।
4. Two Parallel lines in the Middle of the Road
अक्सर राजमार्गों पर ऐसी रेखा देखी जाती है। इस लाइन का मतलब है कि न तो आप अपनी लाइन छोड़ कर दूसरी लाइन पर जा सकते हैं और न ही किसी वाहन से आगे निकल सकते हैं।
तो दोस्तों अब आप इन अलग-अलग रेखाओं और रंगों के अर्थ को समझ गए होंगे। सड़क पर इस जानकारी के साथ चलने पर कई दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, आपको केवल थोड़ी जागरूकता और ध्यान देने की आवश्यकता है।
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