भारत और चीन के बीच 1993 में एक समझौता हुआ था। उस समझते में क्या बातें शामिल थी। इसके बारें में हम इस लेख में जानेगें।
भारत अपने कई पडोसी देशों से अपनी सीमाएं साझा करता है। इस कारण भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके चारों ओर सीमा विवाद पनप चुका है।
भारत के कई पड़ोसी देश हैं लेकिन भारत-पाकिस्तान और भारत- चीन के बीच सीमा विवाद ही बार-बार उठता रहता हैं और यही सीमा विवाद सबसे अहम् माना जाता है।
भारत और चीन के बीच LAC संधि क्या है?What Is LAC Pact Between India And China?
भारत अपने कई पडोसी देशों से अपनी सीमाएं साझा करता है। इस कारण भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके चारों ओर सीमा विवाद पनप चुका है।
भारत के कई पड़ोसी देश हैं लेकिन भारत-पाकिस्तान और भारत- चीन के बीच सीमा विवाद ही बार-बार उठता रहता हैं और यही सीमा विवाद सबसे अहम् माना जाता है।
भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ था जिसके अनुसार सीमा पर सैनिक बिना बन्दूक के गस्त करते हुए सीमा की निगरानी करेंगे। लेकिन हाल ही में चीन ने गलवान घाटी में इस में हुए समझौते का उल्लंघन किया है।
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अक्सर Line of Control ( LOC) का उल्लंघन करते हुए लगभग हर हफ्ते गोलीबारी करता रहता हैं जिसका भारतीय सैनिक भी करारा जवाब देते रहते हैं ।
पड़ोसी देश चीन के साथ भारत का सीमा विवाद आमतौर पर शांतिपूर्ण रहता है।
लेकिन 17 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर चीन के सैनिकों ने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर तेज धारदार हथियारों और चाकुओं से हमला कर दिया था। इसमें करीब 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गयी है थी।
इससे पहले सन 1975 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।तब से दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है लेकिन गोलीबारी नहीं हुई थी।
20 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन के बीच सबसे बड़ी लड़ाई शुरू हुई थी जो कि करीब एक महीने तक चली थी। यह युद्ध भारत ने बिना किसी तैयारी के लड़ा था और भारत ने अपनी वायुसेना का इस्तेमाल नहीं किया था जिसके कारण भारत यह युद्ध हार गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कड़ी आलोचना हुई थी।
इससे पहले सन 1975 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।तब से दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है लेकिन गोलीबारी नहीं हुई थी।
20 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन के बीच सबसे बड़ी लड़ाई शुरू हुई थी जो कि करीब एक महीने तक चली थी। यह युद्ध भारत ने बिना किसी तैयारी के लड़ा था और भारत ने अपनी वायुसेना का इस्तेमाल नहीं किया था जिसके कारण भारत यह युद्ध हार गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कड़ी आलोचना हुई थी।
यह भी जाने भारत- चीन युद्ध 1962
गलवां या गलवान घाटी अक्साई चीन में पड़ती है जो कि लद्दाख और अक्साई चीन के बीच का भाग है।
इस घाटी में एक गलवां नदी बहती है जिसके कारण इसका नाम गलवां घाटी पड़ा है।
यहीं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) है। यह रेखा ही अक्साई चीन को भारत से अलग करती है। अक्साई चीन पर दोनों देश अपना दावा पेश करते हैं ।
गलवान घाटी कहाँ हैं? Where is Galwan Valley?
Galwan Valley |
इस घाटी में एक गलवां नदी बहती है जिसके कारण इसका नाम गलवां घाटी पड़ा है।
यहीं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) है। यह रेखा ही अक्साई चीन को भारत से अलग करती है। अक्साई चीन पर दोनों देश अपना दावा पेश करते हैं ।
1962 में भी भारत और चीन के बीच में इसी गलवां घाटी में युद्ध हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम और समझौता हो चुका है।
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लेकिन ऐसा देखा गया है कि चीन की सेना इस विवादित क्षेत्र में टेंट लगाकर लड़ाई उकसाने का काम करती है।
चीनी सैनिक टेंट लगाते हैं और भारत के सैनिक उन्हें उखाड़ देते हैं ऐसा करने में सैनिकों के बीच हाथापाई भी देखी गयी है। लेकिन इस बार गोली भी चल गयी जो कि दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन है।
लेकिन ऐसा देखा गया है कि चीन की सेना इस विवादित क्षेत्र में टेंट लगाकर लड़ाई उकसाने का काम करती है।
चीनी सैनिक टेंट लगाते हैं और भारत के सैनिक उन्हें उखाड़ देते हैं ऐसा करने में सैनिकों के बीच हाथापाई भी देखी गयी है। लेकिन इस बार गोली भी चल गयी जो कि दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन है।
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