Robotic Technique: जानिए कौन आप की नौकरियों पर डाका डाल रहा हैं? Know who are robbing your jobs?
टेक्नोलॉजी में हो रहे लगातार विकास के कारण जिस प्रकार हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभाव जैसे सुख सुविधाएं बढ़ती जा रही है तो कहीं उसका एक नकारात्मक प्रभाव भी हमारे जीवन पर दिखाई पड़ रहा है। आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्मित होने वाले रोबोट हमारे जीविका के साधन पर भी कब्जा कर रहे हैं।
आजकल कई जगहों पर इंसानों की जगह रोबोट ने ले ली है। ऑफिस में होने वाले बहुत सारे काम जैसे बैंक स्टेटमेंट मिलाना, खर्च की रिपोर्ट जांचना, टैक्स फॉर्म का निरीक्षण, एकाउंटिंग जैसे सुस्ती भरे लेकिन महत्वपूर्ण काम अमेरिका में तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित ऐप करने लगे हैं। इनके एप भी ऑनलाइन मुफ्त मिल रहे हैं।
अधिक मुश्किल काम करवाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है और इसके लिए ज्यादा पैसे भी नहीं खर्च करने होते। यह ऑटोमेशन का दौर है, जिसे रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन(Robotic Process Automation) यानी RPA कहा जा रहा है। इसके आने से सुरक्षित समझी जा रही white collar नौकरियां खतरे में दिखाई देने लगे हैं।
यह उपकरण केवल सामान्य काम नहीं कर रहे बल्कि बौद्धिक क्षमता से जुड़े कामों में भी इनका उपयोग किया जा रहा है।
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भरोसेमंद और प्रोडक्टिव कर्मचारी
कंपनियां इन एप और रोबोट को अपना सबसे प्रोडक्टिव कर्मचारी मानने लगी है। जिससे उनके काम का दायरा लगातार बढ़ा रही हैं।
कई कंपनियों ने अपनाया
साल 2020 में डेलाॅएट संस्था के अध्ययन के अनुसार 10 में से आठ कॉरपोरेट्स (Robotic Process Automation) यानी RPA अपना चुके हैं। बाकी में से 75% अगले 3 साल में इसे अपना लेंगे। इनमें 2.57 लाख करोड़ की यूआई पाथ से लेकर ब्लूप्रिज्म और माइक्रोसॉफ्ट तक शामिल है।
सस्ती तकनीक
रिसर्च से जुड़े लोगों का कहना है कि (Robotic Process Automation) यानी RPA के जरिए कंपनियां केवल सवा 7 लाख रुपए में ऐसे रोबोटिक प्रोग्राम बना सकते हैं,जो तीन-चार कर्मचारियों का काम करते हैं। यानी खर्च में 30 से 40 गुना बचत करते हैं।इसका इसका उपयोग करने को लेकर यह तर्क भी दिया जाता है कि इससे काम आसान हुआ है। लेकिन कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट आया है।
कंपनियां खर्च घटाने व कोविड-19 के बहाने भी इस तकनीकी को बढ़ावा दे रही है।
काम को बेहतर करने के लिए ऑटोमेशन उपयोगी
अमरीकी इंश्योरेंस कंपनी की तकनीकी प्रबंधक हॉली यूहल के अनुसार उनकी फर्म ने 1.73 लाख मानव श्रम घंटो का काम ऑटोमेशन से करवाया लेकिन किसी को नौकरी से नहीं निकाला। उनका कहना है कि काम को बेहतर करने के लिए ऑटोमेशन उपयोग करें तो फायदा होगा।
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