Corona patients hospitalized:- कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए रेफरल लेटर की बाध्यता खत्म
यूपी में कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को जिंदगी बचाने के लिए रेफरल लेटर की बाध्यता भारी पड़ रही थी। अस्पतालों में भर्ती के लिए सीएमओ का रेफलर लेटर अनिवार्य था। जिसके चलते परिजन मरीजों को लेकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे थे।
अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती को लेकर हो रही इस प्रकार की दिक्कतों को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सभी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज मरीजों को उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर सीधी भर्ती कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए निजी व सरकारी अस्पतालों के लिए व्यवस्था अलग अलग होगी।।
योगी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अस्पतालों को दिन में दो बार खाली बैड की संख्या डिस्प्ले करनी होगी। शासन ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी कर दिए।
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वर्तमान स्थिति
मौजूदा स्थिति में कोरोना से संक्रमित मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के लिए सीएमओ की ओर से जारी रेफलर लेटर की व्यवस्था लागू थी। यानी इंटीग्रेटेड कोविद कमांड कंट्रोल सेंटर से अस्पताल आवंटित होता था।
बताया गया है कि कई जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या इतनी अधिक थी कि इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर से अस्पताल आवंटन की सुविधा प्रभावशाली तरीके से लागू नहीं हो पा रही थी। इससे मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए 30 जून तक कमांड सेंटर से आवंटन के बिना भी निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती कर सकेंगे।
निजी अस्पताल 90 फ़ीसदी बेड पर मरीजों को खुद भर्ती कर सकेंगे 10% बेड आरक्षित रखने होंगे जिस पर इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर से आवंटित मरीज ही भर्ती होंगे।
निजी अस्पतालों को मरीजों को भर्ती करने के बाद प्रदेश सरकार के पोर्टल पर तत्काल इसकी सूचना देनी होगी। अस्पताल सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही इलाज करेंगे। निजी अस्पताल में जाने वाले मरीज अपनी व्यवस्था से अस्पताल जा सकेंगे।
अगर कोई मरीज इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर से एंबुलेंस मांगेगा तो उसे निजी अस्पताल के भर्ती करने के पत्र के आधार पर दिलाई जाएगी। इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी आरक्षित किया जाएगा। इस नंबर पर भर्ती का पत्र भेजना होगा।
रिक्त बेड की मिलेगी सूचना
सभी निजी व सरकारी अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों को रोजाना सुबह 8:00 बजे और शाम 4:00 बजे खाली बेड की संख्या अस्पताल के बाहर डिस्प्ले करनी होगी। इसमें श्रेणी वार आइसोलेशन बेड,ऑक्सीजन बेड,आईसीयू /एच डी यू की जानकारी देने अनिवार्य होगी।
फ्री इलाज के लिए इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर से ही होगी भर्ती। राजकीय अस्पताल सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए 70% बेड इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर के माध्यम से आवंटित होंगे बाकी 30% बेड का आवंटन इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल स्वयं कर सकेगा।
कमांड सेंटर के माध्यम से जारी भर्ती पर्ची को संबंधित अस्पताल को मानना होगा। उल्लंघन करने पर उत्तर प्रदेश महामारी अधिनियम के तहत अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी।
कमांड सेंटर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग भी रोटेशन से एक अधिकारी को तैनात करेगा जो मेडिकल कालेजों के समन्वय स्थापित करेंगे।
जो मरीज मुफ्त में इलाज का अनुरोध करेंगे उनकी भर्ती की व्यवस्था भी कमांड सेंटर के माध्यम से होगी। उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार अस्पताल का आवंटन किया जाएगा। उन्हें एंबुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी।
कोविड मरीज कमांड सेंटर को को फोन करके भी अस्पताल में भर्ती का अनुरोध कर सकते हैं। जिला प्रशासन कुछ स्थानों पर काउंटर भी बना सकेगा जहां लोग फ्री इलाज के लिए अनुरोध पत्र दे सकेंगे।
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