National war memorial :- आखिर क्यों अमर जवान ज्योति की लौ को स्थानांतरित करके राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया गया?
अमर जवान ज्योति की लौ 50 सालों से अभी तक लगातार जल रही थी लेकिन अब 21 जनवरी से इस लौ को स्थानांतरित करके राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया गया।
इंडिया गेट स्मारक का निर्माण किसने करवाया था?
दिल्ली में स्थित इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार ने 1931 में ब्रिटिश भारत की ओर से लड़ते हुए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में बनाया था। बाद में अमर जवान ज्योति को 1971 में पाकिस्तान पर भारत की बड़ी जीत के बाद युद्ध स्मारक में शामिल किया गया था।
अमर जवान पर ज्योति प्रज्वलित कब और किसने की थी?
Amar Jawan Jyoti |
1971 में भारत की पाकिस्तान से युद्ध में जीत और बांग्लादेश की स्वतंत्रता के मौके पर भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अमर जवान पर ज्योति प्रज्वलित की थी।
अमर जवान ज्योति में ख़ास बात क्या है?
अमर जवान ज्योति में बनी काले संगमरमर के चबूतरे पर एल1ए1 सेल्फ लोडिंग राइफल के ऊपर हेलमेट रखा गया है जिसे शहीदों की याद की तरह देखा जाता है। यहां चार कलश है उसमें चार ज्योतियां जलती रहती है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक क्या है?
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण इंडिया गेट परिसर में ही किया गया है जिसमें उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने 1947-48 में विभिन्न सुरक्षा अभियानों में अपने प्राणों को न्यौछावर किया था। सन 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यहां 26,446 शहीदों के नाम स्वर्ण अक्षरों से अंकित है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की दीवारों पर उन शहीदों के नाम भी अंकित है जिन्होंने पाकिस्तान के साथ गलवान घाटी में हुए युद्ध, चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी जान गंवाई थी।
इंडिया गेट परिसर में ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक 40 एकड़ में फैला हुआ है। इस परिसर को चार चक्रों में बांटा गया है। त्याग,वीरता, रक्षा और अमर चक्र। अमर चक्र में 2019 से अमर ज्वाला जल रही है।
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, तब ही यह फैसला किया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी।
अभी तक अमर जवान ज्योति पर ही शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर उनका सम्मान किया जाता था लेकिन राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण होने के बाद विभिन्न अवसरों पर जैसे गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और अन्य लोग यही पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर उनका सम्मान करेंगे।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक नई अमर जवान ज्योति की लौ जलाई गई है इसलिए शहीदों को श्रद्धांजलि देने से संबंधित सभी कार्यक्रम यहां पर संपन्न किए जाएंगे।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन वीर सैनिकों और गुमनाम भारतीय वीर सपूतों की याद में निर्मित किया गया है जिन्होंने आजादी के बाद से अपने प्राणों की आहूति देकर देश को सुरक्षित रखा है।
No comments:
Post a Comment