15 points to get success in Civil Services Exams
15 महत्वपूर्ण बातें सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने से संंबंधित
सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करना हर प्रतियोगी का सपना रहता है। कई सालों की तैयारी करने के बाद भी बहुत से प्रतियोगी ऐसे हैं जिनका यह सपना पूरा नहीं हो पाता ।
ऐसी क्या कमी रह जाती हैं उनके तैयारी में, इन्हीं सब से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर हम यहां पर करेंगे।
कुछ प्रतियोगी ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर जाते हैं। आखिर उन्होंने ऐसी कौन सी तकनीक अपनाई है जिसके कारण वह प्रथम प्रयास में ही परीक्षा में सफल हो गए?
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ऐसे ही कुछ सवाल प्रत्येक परीक्षार्थी के मन में लगातार उठते रहते है। ऐसे ही कुछ सवालों और उनके जवाबों को हम इस लेख में साझा करते हैं।
पहला प्रश्न जो सभी के मन में उठता है वह यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम टेबल और हिंदी, अंग्रेजी माध्यम का कितना असर पड़ता है?
इसके उत्तर में कहा जा सकता है कि परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम टेबल बनाना बहुत ही जरूरी होता है और उसको फॉलो करना उससे भी ज्यादा जरूरी है। आप जितनी देर भी पढ़ते है नियमित रूप से पढे़ ऐसा नहीं कि एक दिन आप 8 घंटे पढ़े और अगले दिन आप अपनी बुक भी ना उठाएं। आप जितना भी पढ़ते हैं, रेगुलर पढ़ाई करिए। इससे प्रतियोगी को अपनी तैयारी का स्तर पता चलता रहता है।
हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की तो चयन से उसका कोई लेना-देना नहीं है ।संघ लोक सेवा आयोग सभी को समान अवसर देता है। आपकी तैयारी और मेहनत जैसी होगी आपको परिणाम भी वैसा ही प्राप्त होगा।
2. प्रश्न:- न्यूनतम कितने वर्ष की आयु में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए?
उत्तर: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए न्यूनतम आयु सीमा क्या हो, इसका सटीक निर्धारण नहीं किया जा सकता है फिर भी यदि अभ्यर्थी 20 वर्ष की आयु में तैयारी प्रारंभ कर देता है तो उसकी स्थिति अच्छी रहेगी। यह ऐसा समय होता है, जिसमें छात्र अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। यह और बात है कि जहाँ एक ओर बहुत ज़ल्दी तैयारी शुरू करने से उपयुक्त समय आने पर आप थकावट का अनुभव करने लगते हैं वहीं तैयारी की शुरुआत देर से करने पर कुछ नुकसान भी हो सकता है।
3.प्रश्न: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान सामूहिक चर्चा (समूह चर्चा) का क्या महत्त्व है?
उत्तर: सामूहिक चर्चा के दो पक्ष हैं। यदि आप गंभीर और लक्ष्य के प्रति समर्पित अभ्यर्थियों के साथ सामूहिक चर्चा करते हैं तो यह लाभदायक सिद्ध होगा इसके विपरीत का समूह नुकसानदायक है। आप छोटे समूह बना सकते हैं जिसमें किसी निर्धारित विषय पर चर्चा कर सकते हैं जिसका अध्ययन समूह के सभी सदस्यों ने किया है। समूह में एक ही क्षेत्र के लोगों को शामिल न करें क्योंकि ऐसे मामलों में चर्चा के निष्कर्ष में क्षेत्र का भाव आ जाता है। सामूहिक चर्चा के दौरान यह स्पष्ट होना चाहिए और ऐसी चर्चाओं के लिए एक निश्चित समभावी को पहले से ही निर्धारित कर लेना चाहिए।
4.प्रश्न:- यह कैसे तय किया जाए कि हमें क्या पढ़ना चाहिए और क्या नहीं? उत्तर लिखने की तैयारी किस प्रकार करें?
यह प्रश्न अक्सर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्येक प्रतिभागी के मन में आता है। इसके उत्तर में यह कहा जा सकता है कि आप बुक लिस्ट तैयार करें। इससे आपको पता चलेगा कि आप की तैयारी के दिशा क्या है।
एनसीईआरटी के साथ ही अच्छे लेखकों की किताबों से भी तैयारी करें। करंट अफेयर्स पर अपनी पकड़ मजबूत रखें।माॅक टेस्ट से तैयारी करते रहे। परीक्षा के दौरान पूछे गए प्रश्नों के हिसाब से यह निर्धारित करें कि किस प्रश्न को कितना समय देना है। साथ में यह भी ध्यान रहे कि उत्तर देते वक्त तथ्यों का विशेष ध्यान रखें। आप जो भी लिख रहे हैं उसमें जो भी हाईलाइट करने वाली चीजें हैं उन्हें जरूर से हाइलाइट करें। आपका उत्तर देखने में प्रभावशाली होगा तो आपको अंक भी आसानी से प्राप्त हो जाएंगे।
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5.प्रश्न:- साक्षात्कार में अगर किसी सवाल का जवाब नहीं आता है तो क्या करना चाहिए?
साक्षात्कार के दौरान अगर किसी सवाल का जवाब नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है और ना ही इधर-उधर के जवाब देने की जरूरत है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप सरल शब्दों में कह दे कि आपको इस सवाल के उत्तर की जानकारी नहीं है। इससे परीक्षक पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि आपके मेंस के पेपर में आपने जिस प्रकार के उत्तर लिखे हैं उनसे आपके माइंड का मूल्यांकन हो चुका है।
इसके साथ ही आपको आवेदन पत्र में भरी गई सूचनाओं की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। अपने शहर की ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की जानकारी अवश्य रखें। क्योंकि इससे जुड़े सवाल साक्षात्कार में अक्सर पूछे जाते हैं। और परीक्षक यह उम्मीद करता है कि आपको ऐसे सवालों के जवाब आने ही चाहिए।
इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप जो भी जवाब दें तो पूरे आत्मविश्वास के साथ दें।यदि आपको जवाब नहीं आता है तो आप सीधे शब्दों में कह सकते हैं।
6. प्रश्न:- उत्तर लिखने का तरीका कैसा होना चाहिए?
परीक्षा में उत्तर लिखने के तरीके से ही आपकी तैयारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे पहले उत्तर लिखने में आप intro, body और conclusion पर ध्यान दें। बॉडी में प्वाइंटर का प्रयोग करें। आप अपने उत्तर में अखबारों में दी गई केश स्टडी और उदाहरणों का प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि यह आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेंगे। conclusion उत्तर का अंतिम हिस्सा होता है यह अवश्य दें। यह कभी भी नकारात्मक नहीं होना चाहिए इसमें सकारात्मकता और सुझाव होना चाहिए।
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7. प्रश्न:- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कितने घंटे जरूरी है?
यह सवाल अक्सर सभी प्रतियोगियों के मन में होता है इसका जवाब यह है की तैयारी करने के लिए घंटे मायने नहीं रखते हैं आप जितने भी घंटे पर हैं पूरे मन से पढ़ें एकाग्र चित्त होकर पड़ेगा तब आप कम पर कम समय में भी अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं यदि आप पढ़ने के लिए तो बहुत घंटे पढ़ते हैं लेकिन आपका पढ़ाई में मन ही नहीं लग पा रहा है या एकाग्र चित्त नहीं हो पा रहे हैं तो ऐसे में आप चाहे कितने भी घंटे पहले आपको उसका फल नहीं प्राप्त होगा जब भी आप पढ़ाई शुरू करें सबसे पहले ऐसे विषयों को चुने जिंदगी में आपकी रुचि है और वह थोड़ा हल्के हैं जी बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आप सुबह उठते ही किताबों में घुस जाएं आप अपनी पढ़ाई की शुरुआत अखबार में खबरों को पढ़ते हुए भी कर सकते हैं
8. प्रश्न:- क्या सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नों को हल करना मददगार साबित होता है?
पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र जारी करने में काफी उपयोगी साबित होते हैं क्योंकि इनसे हमें यह पता चलता है कि सवाल किस तरीके से पूछे जाते हैं उनकी जिससे उसकी क्या हो सकती है और हम उसी के हिसाब से अपनी तैयारी को भी पूरा कर सकते हैं पिछले वर्षों के प्रश्न को हल करने के साथ ही अपने शिक्षक से
9.प्रश्न:- वैकल्पिक विषयों के चयन में subject marketing का कितना प्रभाव पड़ता है ?
subject marketing का कोई खास असर नहीं पड़ता है आपको वही विषय चुनने चाहिए जिस जो आपको पसंद हो जिसे आप काफी समय तक पढ़ सकते हैं उसको पढ़ने में अब ज्यादा वक्त दे सकते हैं आपके दोस्त या दूसरे प्रतियोगी कौन से subject लिए हैं, उसे देखकर आप confuse मत होइए। जो आपको पसंद है जिसे आप पढ़ सकते हैं आप उन्हीं विषयों को ही चुने।
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10.प्रश्न:- क्या मॉक टेस्ट 'देने से परीक्षा में कोई लाभ होता है? अगर हाँ, तो क्या?
उत्तर: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में मॉक टेस्ट देना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है। इसका पहला लाभ यह है कि आप परीक्षा में होने वाले तनाव (चिंता) पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं। दूसरा, समय प्रबंधन की क्षमता बेहतर होती है। तीसरा, अलग-अलग परीक्षाओं में आप यह प्रयोग कर सकते हैं कि प्रश्न को किस क्रम में करने से आप सबसे बेहतर परिणाम तक पहुँच सकते हैं।
इन प्रयोगों के आधार पर आप अपनी परीक्षा संबंधी रणनीति निश्चित कर सकते हैं। चौथा लाभ यह है कि आपको यह अनुमान होता है कि आपके अध्ययन का स्तर क्या है?
11.प्रश्न - अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए मुख्य परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्नों को हल करने का प्रयास किया जाना चाहिए?
उत्तर: इस परीक्षा में आपके द्वारा लिखित उत्तर पर आपको अंक दिए जाते हैं न कि प्रश्नों के स्वरूप पर। एक अभ्यर्थी को प्रश्न के स्वरूप को देखते हुए स्वयं के पास उस प्रश्न से संबंधित सभी सूचनाओं को संकलित करते हुए उन्हें प्रश्न करने की अपनी क्षमता के अनुसार प्रश्न का चयन करना चाहिए। हालांकि इस तरह के कोई पूर्व अनुकूलन नहीं है कि व्यावहारिक या सामान्य प्रश्नों पर सदैव ही अच्छे अंक प्राप्त होंगे।
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12.प्रश्न उत्तर लेखन में अभ्यर्थी को कैसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर: उत्तर लेखन में ऐसी भाषा और सूचना का प्रयोग करना चाहिए जिससे बॉक्स की समाप्ति तक उसे पढ़ने में रुचि बनी रहे। अतः यह ध्यान देने योग्य है कि यदि आपके द्वारा उत्तर में लिखी गई सूचनाएँ सही हैं और उनका ठीक से समायोजन किया गया है तो निश्चित ही आपको अच्छे अंक प्राप्त होंगे।
13.प्रश्न:- कट-ऑफ’ का अर्थ क्या हैं ?
कट-ऑफ’ का अर्थ होता हैं - वे न्यूनतम अंक जिन्हें प्राप्त करना उम्मीदवार के लिए आवश्यक होता हैं। सिविल सेवा परीक्षा में हर साल की प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के परिणाम में ऑफ कट-ऑफ ’तय की जाती है।
जो उम्मीदवार ‘कट-ऑफ’ या उससे अधिक अंक प्राप्त कर लेते हैं वो सफल घोषित किए जाते हैं और बाकी रह जाते हैं। आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत यह 'कट-आफ' भिन्न-भिन्न वर्गों के उम्मीदवार के लिए भिन्न-भिन्न घटित होता है।
‘कट-ऑफ’ की स्थिति हर साल परिवर्तन होती रहती है। इसका निर्धारण सीटों की संख्या, प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर और उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता जैसे कारकों पर निर्भर करता है।जैसे यदि प्रश्नपत्र सरल होगा, या उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता ऊँची होगी तो कट-ऑफ बढ़ जाएगी और विपरीत स्थितियों में अपने आप कम हो जाएगी।
14.प्रश्न - साक्षात्कार में शिष्टाचार और ड्रेस कैसी होनी चाहिए?
उत्तर: शिष्टाचार का साक्षात्कार में विशेष महत्त्व है क्योंकि इससे साक्षात्कारकर्ता के मस्तिष्क में अभ्यर्थी की एक छवि बनती है जो अंक देते समय उन्हें प्रभावित करता है। अतः यह सलाह दी जाती है कि ऐसे अवसरों पर अभ्यर्थी को सामान्य शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए जो उनके प्रदर्शन को मज़बूत आधार प्रदान कर सके।
ड्रेस कोड : सामान्य रूप से दैनिक जीवन में पहने जाने वाला वस्त्र नहीं होना चाहिए। पुरुषों में फुल स्लीव शर्ट, कंट्रास्ट कलर पैंट, लेदर बेल्ट, लेदर के जूते और एक मैचिंग टाई को ड्रेस के रूप में रखा जा सकता है।
महिलाओं के लिए हल्के रंग की साड़ी को प्राथमिकता दी गई है यदि वे साड़ी में सुविधाजनक नहीं हैं तो सलवार सूट भी पहन सकती हैं ।
15. प्रश्न - सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए इंटरनेट का फायदा कैसे लिया जा सकता है?
उत्तर: सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए इंटरनेट का फायदा बेहतर तरीके से लिया जा सकता है। इंटरनेट पर बहुत सारी सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है जिसका फायदा हम अपने ज्ञान को बढ़ाने में कर सकते हैं इंटरनेट पर कुछ ऐसी भी वेबसाइट है जिस में बहुत ही अच्छी तरीके से समझाया जाता है जिससे वह आपके मस्तिष्क में अच्छे से बैठ जाता है और आप मुझे बखूबी समझ कर आसानी से अपने शब्दों में लिख सकते हैं।
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