म्यूचुअल फंड क्या हैं ? What are Mutual Funds?
म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा संचालित किया जाता है।
म्यूचुअल फंड कंपनियां कई निवेशकों से पैसा लेकर एक जगह जमा करती है और इन पैसो को फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। इसके बदले निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं।प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश
म्यूचुअल फंड निवेश उन लोगों के लिए अच्छा होता हैं जिन्हें शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती और वे इसमें निवेश के बारे में भी बहुत नहीं जानते हैं। वह अपने निवेश के हिसाब से म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं।
भारत में Mutual Fund के प्रकार
- Equity Mutual Fund
- Date Mutual Fund
- Hybrid Mutual Fund
- Solution Oriented Mutual Fund
Equity Mutual Fund
इसमें निवेशको की राशि का निवेश शेयरों में किया जाता हैं। इसमें छोटी अवधि के लिए निवेश जोखिम भरा हो सकता हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता हैं। इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है।
जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश कर सकते हैं। निवेश म्यूचुअल फंड स्कीम के भी 10 विभिन्न प्रकार हैं।
Gilt Mutual Fund
Gilt Mutual Fund
Date Mutual Fund
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं। छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इसमें निवेश कर सकते हैं। पांच साल से कम अवधि के लिए इसमें निवेश करना ठीक है। ये Mutual Fund स्कीम के शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं।
Hybrid Mutual Fund Scheme
ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं।
Solution Oriented Mutual Fund
Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी विशेष लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनाए गए होते हैं। ये रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इस तरह की स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है।
सुविधाजनक : आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि यह बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं।
जानिए भारतीय रिजर्व बैंक कैसे काम करता हैं?
निवेश के लिए कई विकल्प : म्यूचुअल फंड मैं जब आप निवेश करते हैं तब आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा प्राप्त करते है। आपके पैसो को अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ प्राप्त कर लिया जाए।
कम फीस: म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बँट जाती है।
Monitoring करने में आसान: म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी जनता को दी जाती है।इस तरह आप आप अपने निवेश को बराबर मॉनिटर कर सकते हैं।
अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं, तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए। ध्यान दें, सभी म्यूचुअल फंड यहां तक कि डेट फंड में भी कुछ जोखिम होता है।
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए की रकम से निवेश कर सकते है।आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है ( 18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको यह जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
Mutual Fund में निवेश करने के फायदे
सुविधाजनक : आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि यह बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं।
जानिए भारतीय रिजर्व बैंक कैसे काम करता हैं?
निवेश के लिए कई विकल्प : म्यूचुअल फंड मैं जब आप निवेश करते हैं तब आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा प्राप्त करते है। आपके पैसो को अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ प्राप्त कर लिया जाए।
कम फीस: म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बँट जाती है।
Monitoring करने में आसान: म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी जनता को दी जाती है।इस तरह आप आप अपने निवेश को बराबर मॉनिटर कर सकते हैं।
Mutual Fund कैसे चुनें?
आपको पहले ये चुनना होगा की आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं। व्यापक रूप से, इक्विटी फंड तभी चुने जाने चाहिए जब आप ज़्यादा जोखिम उठाने को तैयार हों और इसकी समय सीमा 5 वर्ष से अधिक हो।अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं, तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए। ध्यान दें, सभी म्यूचुअल फंड यहां तक कि डेट फंड में भी कुछ जोखिम होता है।
Mutual Fund में कौन निवेश कर सकता हैं ?
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए की रकम से निवेश कर सकते है।आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है ( 18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको यह जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
Mutual Fund में कैसे करें निवेश?
यदि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने की जानकारी है तब आप सीधे किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाकर निवेश कर सकते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में नए हैं, तब आप किसी म्यूचुअल फंड सलाहकार की सेवा भी ले सकते हैं।
यदि आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं। यदि आप किसी सलाहकार की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के रेुलर प्लान में निवेश करते हैं।
म्यूचुअल फंड के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है। इस तरह से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में एक कठिनाई यह है कि आपको इस क्षेत्र की पूरी जानकारी करनी होती हैं और खुद रिसर्च करना पड़ता है।
ध्यान दें, सभी Mutual Fund में कुछ जोखिम अवश्य होता है। अतः निवेश करने से पूर्व सही जानकारी और जांच जरूरी है।
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