गुजरात हाईकोर्ट ने मुकदमों का सीधा प्रसारण करने की पहल की (Gujarat High Court takes initiative to telecast the cases live)
किसी भी अदालत में मुकदमे की सुनवाई हो रही हो और आप अपने घर पर बैठ कर उसे आराम से देख रहे हैं। अपने वकील की बहस, जज का फैसला सब कुछ जैसे आपकी आंखों के सामने हो रहा हो। इससे बेहतर क्या हो सकता है? ऐसा ही काम गुजरात हाईकोर्ट ने किया है।
गुजरात हाईकोर्ट ने न्यायपालिका की पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए सोमवार को मुकदमों का सीधा प्रसारण शुरू करने की पहल की है।गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ हैं जिन्होंने मुकदमों के सीधे प्रसारण की व्यवस्था लागू की है।
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High court of Gujarat |
दुनिया के कई विकसित देशों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। इसकी मांग भारत देश में भी लगातार चल रही है कि मुकदमों के सीधे प्रसारण की व्यवस्था हो। ऐसा होने से एक तो अदालत के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और वादकारी भी जान सकेंगे कि उनके वकील ने किस तरह से मुकदमे में उनका पक्ष रखा है। इससे वकीलों की योग्यता भी कसौटी पर कसी जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मंजूरी सर्वोच्च न्यायालय ने 26 सितंबर 2018 को स्वप्निल त्रिपाठी केस में न्यायालय की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर सहमति जताई थी।सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि संविधानिक एवं अन्य राष्ट्रीय महत्व के मुकदमों की सुनवाई के सीधे प्रसारण की अनुमति दी जा सकती है।
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