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Saturday, October 24, 2020

अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम ( A P J Abdul Kalam )

 अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम ( A P J Abdul Kalam)


A P J Abdul Kalam
APJ Abdul Kalam

मिसाइल मैन के नाम से विख्यात अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम ( A P J Abdul Kalam) भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति , जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात  थे। 

इस लेख में  हम अब्दुल कलाम का जन्म, प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, विज्ञान एवं तकनीकी में योगदान, राजनीति में योगदान, मृत्यु एवं विचारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें।

अबुल कलाम का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन

 अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के  रामेश्वरम में स्थित धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ

इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था जो एक गृहणी थीं।इनके पिता ज़्यादा पढ़े-लिखे थे। वह मछुआरों को नाव किराये पर देने का काम करते थे। अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।कलाम स्वयं पाँच भाई एवं पाँच बहन थे। यह अपने पिता के आदर्शों से प्रभावित थे। 

 शिक्षा 

 जब कलाम पाँच वर्ष  के हुुए तब यह रामेश्वरम के प्राथमिक विद्यालय मे शिक्षा प्राप्त करने गए। एक बार  पांचवी कक्षा में पढ़ते समय उनके शिक्षक बच्चों को पक्षी किस प्रकार उड़ते है  इसकी शिक्षा दे रहे थे लेकिन विद्यार्थियों को समझ में नहीं आ रहा था। तब उन्होने सभी बच्चों को खुले में ले जाकर उड़ते हुए पक्षियों को दिखाकर समझाया। इन्ही पक्षियों को देखकर कलाम ने तय कर लिया कि उनको भविष्य में विमान विज्ञान में ही जाना है।

अब्दुल कलाम अपने घर की आर्थिक स्थिति को अच्छी तरह से जानते थे  इसलिए अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए उन्होंने बचपन से ही छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया था। उन्होने  अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था।

 उन्होंने अपनी स्कूल की पढाई रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिक की शिक्षा पूरी की  उसके बाद 1954 में भौतिक विज्ञान में तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज से स्नातक किया। उसके बाद वर्ष 

कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया और  हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने लगे।

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तकनीकी- विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियां

A P J Abdul Kalam
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1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3(Satellite Launch Vehicle – SLV III) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।

कलाम ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle -PSLV) को बनाने में अपना अहम् योगदान दिया जिनका प्रक्षेपण बाद में सफल हुआ।

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मृत्यु 

 अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 को  भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में 'रहने योग्य ग्रह' पर एक lecture  दे रहे थे जब उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा और यह बेहोश हो कर गिर पड़े। बाद में अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई ।

 राजनीति में योगदान

 अब्दुल कलाम 2002 में  अटल बिहारी वाजपेई की सरकार  व विपक्षी पार्टी कांग्रेस, दोनों के समर्थन से भारत के राष्ट्रपति चुने गए।

अब्दुल कलाम को भारत रत्न, सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए।  

.अबुल कलाम के विचार :

 अबुल कलाम अपने जीवन में कुछ विचारों को लेकर ही आगे बढ़ते रहे।उनके जीवन से  सम्बन्धित कुछ विचार निम्नलिखित हैं :-


1. उनका मानना था कि सभी विद्यार्थियों को अगर अच्छी शिक्षा प्राप्त करनी है और जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करनी है तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह अधिक से अधिक प्रश्न पूछें ।

2. उनका कहना था कि जीवन में कुछ भी नकारात्मक नहीं होता बस हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए।

3.जिंदगी और समय व्यक्ति को वह सब कुछ सिखा सकता है जो एक अच्छे से अच्छा अध्यापक भी नहीं सिखा सकता।

4. हम परेशानियों से इतने ज्यादा निराश हो जाते हैं कि जो हमारे अंदर अच्छी चीजें हैं, जो हमारे अंदर काबिलियत है, उसे भी भूल जाते हैं।

5.  यदि आपको जीवन का आनंद लेना है तो आवश्यक है कि आपके जीवन में दुख और कठिनाइयां भी जरूर हो क्योंकि तभी आप सुख का आनंद ले पाएंगे।

6. उनका मानना था कि चीजें ऐसी होती है जीवन में जिन्हें हम चाह कर भी बदल नहीं सकते।

7. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी लगन और निष्ठा से कार्य करना चाहिए अधूरी लगन से अधूरी, खोकली सफलता मिलती है जो चारो और कड़वाहट भर देती है।

8. हमें सभी परिस्थितियों में प्रयत्न करते रहना चाहिए समस्याओं से डरकर पीछे नहीं हटना चाहिए।

 

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