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Wednesday, November 11, 2020

प्रयागराज से कौशांबी के बीच बौद्ध परिपथ का निर्माण Construction of Buddhist circuit between Prayagraj to Kaushambi

 

प्रयागराज से कौशांबी के बीच बौद्ध परिपथ का निर्माण(Construction of Buddhist circuit between Prayagraj to Kaushambi)


प्रयागराज से कौशांबी के बीच बौद्ध परिपथ का निर्माण Construction of Buddhist circuit between Prayagraj to Kaushambi



त्तर प्रदेश सरकार ने बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 60 करोड़ के परियोजना तैयार की गई है। राजा उदयन के किले और घोषिताराम विहार को विश्व पर्यटन के लिए विकसित करने की योजना है।

 उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने ₹60 करोड़ की परियोजना तैयार की है प्रयागराज से कौशांबी के बौद्ध परिपथ पर विश्व भर से आने वाले बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने के लिए यह योजना बनाई गई है। 

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परियोजना के तहत इंटरप्रिटेशन सेंटर के अलावा हस्तशिल्प बाजार भी बसाया जाएगा। ऑडियो विजुअल के माध्यम से गौतम बुध के कौशांबी प्रवास की गाथा प्रस्तुत करने के साथ ही बौद्ध स्तूप विहारों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।  

अभी तक विश्व के अलग-अलग देशों से आने वाले बौद्ध अनुयाई वाराणसी में भगवान गौतम बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ के भ्रमण के बाद वापस हो जाते थे । कुछ ही पर्यटक प्रयागराज होते हुए कौशांबी पहुंचते थे। पर्यटन विभाग ने प्रयागराज कौशांबी के बौद्ध परिपथ पर्यटन को बढ़ावा देने और कौशांबी में भगवान गौतम बुद्ध के प्रभाव से जुड़ी निशानियां के प्रति बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत व्यापक योजना बनाई है। 

इसके तहत ऑडियो विजुअल के माध्यम से बुद्धिस्ट साइट के बारे में प्रेरकों को जानकारी दी जाएगी। इसके लिए इंफॉर्मेशन क्लॉक रूम का निर्माण कराया जाएगा।गौतम बुद्ध जब प्रयागराज आए थे तब वे यमुना तट पर स्थित कौशल इनाम और कोसम खिराज गांव में ही ठहरे थे। यहीं राजा उदयन का किला और अशोक स्तंभ है। यहां भग्नावशेषों के बीच में 22 फुट लंबा अशोक स्तंभ है इसका शीर्ष भाग क्षतिग्रस्त हो गया है। चमकदार पॉलिश की वजह से अशोक स्तंभ अब भी उसी तरह चमकता है। माना जाता है कि यह स्तंभ अशोक के समय का है परंतु इस पर कुछ भी लिखा नहीं गया है।कहा जाता है कि कौशांबी की महान श्रेष्ठियों के आमंत्रण पर महात्मा बुद्ध कभी यहां आए थे। 

वहां उनके प्रवास के लिए कई विहारों का निर्माण कराया गया था। बौद्ध साहित्य में वर्णित प्रसिद्ध घोषिताराम विहार का निर्माण भी उसी समय कराया गया था। इसके अवशेष कौशांबी की खुदाई में मिले थे।


 इस परियोजना में क्या-क्या बनाया जाएगा?

  •  कौशांबी की अलवारा झील में बनेगा फ्लोटिंग मार्केट।
  •  लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से दिखाई जाएगी बुध के प्रवास की गाथा।
  •  वाटर स्पोर्ट्स क्लब की स्थापना की जाएगी।
  •  पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा
  •  और गजीबों का निर्माण भी इस परियोजना के तहत किया जाएगा।

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