पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग से आप अपना कैरियर बना सकते हैं। Polytechnic Engineering can make your Career
स्कूली दुनिया से बाहर निकलते ही हर साल हजारों युवा इंजीनियर बनने का सपना देखने लगते है, लेकिन हर किसी का यह सपना पूरा नहीं होता। पर निराश होने की जरूरत नहीं है। पॉलिटेक्निक एक ऐसी लाइन है, जो आपके करियर को एक नई राह दिखा सकती है।
यदि आप 12वीं के बाद बीटेक की 4 साल की डिग्री लेने के बजाय 10वीं या 12वीं के बाद 3 साल का डिप्लोमा कर ले तो एक बेहतर रोजगार की दुनिया में कदम रख सकते हैं। ऐसे युवाओं के लिए पॉलिटेक्निक सुनहरा अवसर लेकर आता है। उन्हें तकनीकी और व्यावसायिक courses की दिशा देता है। यह कोर्स खुद का व्यवसाय करने या अच्छी जगह नौकरी प्राप्त करने के हुनर से युक्त होते हैं।
आप राज्य स्तर पर सरकारी, निजी और महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों में दाखिला लेकर short term में अपने करियर को पंख लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, जूनियर इंजीनियर बनने का रास्ता भी इसके माध्यम से बन जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में प्रत्येक वर्ष जूनियर इंजीनियरो के रिक्त पद पर हजारों की संख्या में नियुक्तियों की जाती है।
पॉलिटेक्निक संस्थानों में कई तरह के कोर्स करवाए जाते हैं, जिनमें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग खास महत्वपूर्ण है। महिला पॉलिटेक्निक में महिलाओं को ध्यान में रखकर स्किल वाले कोर्स करवाए जाते हैं। उनके लिए पाकशास्त्र, सिलाई कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स प्रमुख है।
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पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग करने के बाद अवसर
डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के छात्र चाहे तो आगे पढ़ाई करने पर बीटेक की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे छात्रों को लेटरल एंट्री के तहत दाखिला दिया जाता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है तो यांत्रिक प्रारूपण डिजाइन के संशोधन, मशीन के रखरखाव, लागत और आकलन और डिजाइन के क्षेत्र में अवसर मिल सकता है।
सिविल इंजीनियरों के कामों में प्रोफाइल साइट, काम के सुपर विजन,डाफ्टसमैन, सर्वेयर्स आदि काम शामिल हैं।
कोर्स:- कुछ क्षेत्रों में विशेषज्ञता पर आधारित कोर्स करवाए जाते हैं जैसे सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, आईटी इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग आदि।
योग्यता:- इस कोर्स में दाखिले के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं में कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ परीक्षा पास होना जरूरी है। ऐसे छात्र डिप्लोमा के बाद बीटेक के लिए होने वाले परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। उन्हें 3 साल के कोर्स के बाद डिग्री भी मिल जाती है। डिप्लोमाधारी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में एसोसिएट मेंबर बन सकते हैं। दसवीं पास छात्र को राज्य स्तर पर कई संस्थान मेरिट के आधार पर दाखिला देते हैं, तो कई राज्य स्तरीय संस्थान कॉमन प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला देते हैं। प्राइवेट संस्थानों में अलग-अलग प्रक्रिया हो सकती है।
वेतन:- पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारक जॉब पाने में उच्च शिक्षा धारको से आगे हैं। कंपनियों की जरूरत निचले स्तर पर जूनियर इंजीनियर और तकनीशियनो की है। इनके लिए अवसरों की संख्या और वेतन में भी हर साल इजाफा होता रहता है। पॉलिटेक्निक किए हुए professional की शुरुआती सैलरी 20 से ₹25 हजार तक होती है। अगर आपने कोर्स के दौरान बेहतरीन perform किया है, तो कैंपस इंटरव्यू में ही आपको नौकरी के कई ऑफर मिल सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
आर्यन इंस्टीट्यूट आँफ टेक्नोलॉजी,गाजियबाद वेबसाइट :- www.aitgzb.ac.in
गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, लखनऊ www.gplucknow.in
पलक्कड पाॅलिटेक्निक काॅलेज, केरल वेबसाइट:-
www.palakadpolytechnic.in
राजकीय पाॅलिटेक्निक महाविघालय, कोटा, राजस्थान वेबसाइट:- www.gpk.rajasthan.gov.in
सरकारी क्षेत्र हो या प्राइवेट हर जगह जूनियर इंजीनियर की की मांग बढ़ती जा रही है। इसलिए आप पॉलिटेक्निक करके भी अपना कैरियर बना सकते हैं।
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