चांद पर चीन और अमेरिका आमने-सामने (China and America face to face on the moon) - DailyNewshunt

News in Hindi,English,Health,Homemade Remedies, Education,Life Style and Spiritual View

Breaking

Featured

Thursday, December 24, 2020

चांद पर चीन और अमेरिका आमने-सामने (China and America face to face on the moon)

 चांद पर चीन और अमेरिका आमने-सामने (China and America face to face on the moon)


China and America face to face on the moon


रती पर विभिन्न मुद्दों को लेकर बार-बार उलझ रहे चीन और अमेरिका अब अंतरिक्ष में भी सुपर पावर बनने की होड़ करने लगे हैं। दरअसल अमेरिका चांद पर परमाणु से बिजली बनाने का संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा है। इससे चीन चीन बौखला गया है और उसने आरोप लगाया है कि अमेरिका इसकी आड़ में अंतरिक्ष में परमाणु हथियार बनाएगा। चीन ने धमकी दी है कि इससे चांद पर भी सैन्य होड़ मच जाएगी।

 अमेरिका ने अंतरिक्ष की योजनाओं के लिए बनाई गई अपनी अंतरिक्ष नीति निदेशिका में कहा है कि वह 2027 तक चांद पर परमाणु से बिजली बनाने का संयंत्र लगाएगा। इसके लिए चांद पर परमाणु विखंडन ऊर्जा सिस्टम लगाया जाना है ।

 अमेरिका ने कहा कि उसका मकसद चांद पर लंबे समय तक रहने के लिए जरूरी ऊर्जा की आपूर्ति और वहां से मंगल ग्रह के बारे में खोज को सहायता देना है। इसके लिए अगर परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाई जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। 2027 तक 40 किलो वाट बिजली का उत्पादन चांद पर बनाए गए परमाणु ऊर्जा संयंत्र से करने की योजना है।


किस भारतीय शिक्षक को "ग्लोबल शिक्षक पुरस्कार" प्राप्त हुआ? 


जानिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना क्या है?संपत्ति कार्ड क्या है?

 चीन का पलटवार


 ग्लोबल टाइम्स ने चीन के वरिष्ठ सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा है कि चांद पर हिलियम गैस बहुत ज्यादा है। अमेरिका इसका इस्तेमाल परमाणु विखंडन के लिए करेगा। इससे साफ पता लगता है कि अमेरिका की मंशा बिजली उत्पादन में नहीं बल्कि अंतरिक्ष में भी सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ही की जा रही है।

 

रेलवे की Bag on Wheel सेवा क्या हैं? 


  चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की यह बहुत पुरानी आदत है।1980 के दशक में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने तत्कालीन सोवियत संघ को स्टार वार कार्यक्रम की होड़ में घसीट लिया था। उस कार्यक्रम का मकसद अमेरिका को दूर तक मार करने वाली परमाणु हथियारों से लैस बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले से बचाना था।


   अमेरिकी कार्यक्रम की इस होड़ में सोवियत संघ को बड़े पैमाने पर अपने संसाधन लगाने पड़े थे इससे सोवियत संघ बहुत हद तक कमजोर पड़ गया था। चीनी सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार अमेरिका चीन को अंतरिक्ष में उसी तरह की होड़ में घसीटना चाह रहा है।


 चांद पर चीन की नजर भी है


   चीन का एक यान अभी हाल ही में चांद से आया है और चीन का दावा है कि इस यान से उसको चांद की बहुत सी जानकारियां मिली हैं। इसलिए चीन ने चांद पर तैयारियों को बढ़ाने की योजना बनाई है।

   भारत के दार्शनिक स्थल कौन से है जहाँ सभी को अपने जीवन में एक बार जरूर जाना चाहिए 


 यूएन की संधि का उल्लंघन

 

 अमरीका की चांद पर परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने की योजना पर चीन के विशेषज्ञों के हवाले से वेबसाइट द यूरेशियन टाइम्स ने छापा है कि 1979 संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चांद संधि को मंजूरी दी थी। उसमें कहा गया था चांद या किसी अन्य खगोलीय पिंड पर कोई देश कब्जा कर अपनी संप्रभुता जगाने की कोशिश नहीं करेगा। लेकिन अमेरिका उसे दरकिनार कर अंतरिक्ष में जंग के नए मैदान बनाने की तैयारी करने लगा है।

No comments:

Post a Comment

right column

bottom post