CBSE:- Changes in Assessment, Evaluation for Session 2021-22 (नौवीं से 12वीं कक्षा के परीक्षा प्रश्न पत्रों में सीबीएसई ने किए महत्वपूर्ण बदलाव)
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान सत्र में 10वीं एवं 12वीं के मूल्यांकन के दिशा निर्देश जारी करने के बाद अब सत्र 2021 एवं 22 में नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए प्रश्न पत्रों की संरचना में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है।
सत्र 2021-22 से 9 मई से 12वीं कक्षा के प्रश्न पत्रों की संरचना में बदलाव किया है। अब नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में योग्यता आधारित competency-based प्रश्न भी पूछे जाएंगे।
नौवीं व दसवीं के प्रश्न पत्र में इनकी संख्या 30 फ़ीसदी होगी जबकि 11वीं व 12वीं में इससे 20 फीसदी प्रश्न आएंगे। सभी कक्षाओं के प्रश्न पत्र में लघु आदि प्रश्नों की संख्या को घटाया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड के अनुसार योग्यता आधारित शिक्षा ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 से प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या और मूल्यांकन प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है।
प्रश्न पत्र में बड़ी संख्या में योग्यता पर आधारित प्रश्न होंगे। योग्यता आधारित प्रश्नों में वास्तविक जीवन से संबंधित और विभिन्न परिस्थितियों से संबंधित प्रश्न होंगे जिससे विद्यार्थी की मानसिक समझ को समझा जा सकता है उसका मूल्यांकन किया जा सकता है।परीक्षा के कुल अंक व परीक्षा समय अवधि पहले की तरह ही रहेगी।
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सीबीएसई बोर्ड के अनुसार मूल्यांकन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए प्रश्नों की संरचना में बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव से बोर्ड को अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। क्योंकि जब इस तरीके के योग्यता आधारित प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जाएंगे तब स्टूडेंट अपने वास्तविक जीवन में घटने वाली चीजों को ध्यान देकर समझ पाएंगे और उससे अनुभव प्राप्त कर पाएंगे। यह अनुभव किसी भी व्यक्ति के भावी जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं।
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सीबीएसई बोर्ड के द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया में जो बदलाव किया जा रहा है, उसका आधार भी यही है कि विद्यार्थी अधिक से अधिक अपने ज्ञान को बढ़ा पाए। उनके अंदर परिस्थितियों को समझकर उसके अनुसार निर्णय लेने और काम करने की क्षमता का विकास हो सके क्योंकि जीवन में हर पल कुछ न कुछ ऐसा नया घटता रहता है जिसके लिए हम पहले से तैयार नहीं रहते। हमें उस समय पर परिस्थितियों को देखते हुए ही निर्णय लेना होता है और यह निर्णय हमारे भविष्य को भी तय करते हैं। यदि हम सही समय पर सही निर्णय लेने में सक्षम है तो हम अपने भविष्य को भी संवार सकते हैं।
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वर्ष 2021 में दसवीं में बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 20 फ़ीसदी थी जबकि अब अलग से 20 फ़ीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे। पहले केस आधारित सोर्स व एकीकृत प्रश्नों की संख्या 20 फीसदी थी जिसे अब योग्यता आधारित प्रश्नों में जोड़कर इनकी संख्या 30 फीसदी कर दी गई है।
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अब तक नौवीं व दसवीं के प्रश्न पत्र में 60 फ़ीसदी प्रश्न लघु व दीर्घ उत्तर वाले होते थे जिन्हें घटाकर 50 फ़ीसदी कर दिया गया है। इसी तरह से 11वीं व 12वीं में वस्तुनिष्ठ के साथ बहुविकल्पीय प्रश्न व एकीकृत सोर्स आधारित लघु लघु व दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न शामिल थे। संशोधित योजना के अनुसार योग्यता आधारित प्रश्नों की संख्या 20 फ़ीसदी होगी।
परीक्षा प्रक्रिया में होने वाले बदलाव निम्नलिखित हैं
कक्षा IX - X
योग्यता आधारित प्रश्न 30%
वस्तुनिष्ठ प्रश्न। 20%
प्रश्न लघु / दीर्घ उत्तरीय प्रश्न। 50%
कक्षा XI - XII
योग्यता आधारित प्रश्न। 20%
वस्तुनिष्ठ प्रश्न। 20%
प्रश्न लघु / दीर्घ उत्तरीय प्रश्न। 60%
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