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Friday, September 18, 2020

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कन्दारिया महादेव मन्दिर (Kandariya Mahadev Mandir)

 कन्दारिया महादेव मन्दिर (Kandariya Mahadev Mandir)

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Kandariya Mahadev Temple


मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित कन्दरिया महादेव मन्दिर एक शिव मंदिर हैं।1025-1050 ई. के आस-पास चन्देल वंश के पराक्रमी राजा  यशोवर्मन ने अपनी राजधानी खजुराहो में विश्व प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण करवाया था। चंदेल वंश द्वारा 950 CE और 1050 CE के दौरान बहुत सारे मंदिर  बनाए गए थे। 


खजुराहो के मंदिरों का निर्माण नागर शैली में किया गया है। इसमें ग्रेनाइट एवं लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग हुआ है। यहां वैष्णव शैव, शाक्त वं जैन सभी संप्रदाय के मंदिर हैं।

 'कन्दारिया महादेव'  मंदिर खजुराहो का सर्वोत्कृष्ट मंदिर है। इसका निर्माण चंदेल वंश के राजा धंग ने प्रारंभ किया लेकिन पूरा विद्याधर ने कराया था। मंदिर का प्रवेश द्वार कंदरा जैसा है इसीलिए इसका नाम कंदरिया महादेव मंदिर पड़ा।

 


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ऐतिहासिक प्रमाण कहते हैं कि 12 वीं शताब्दी के दौरान लगभग 85 मंदिर थे, जिनमें से केवल 30 मंदिरों अभी भी खड़े हैं। इन बचे हुए मंदिरों में सबसे बड़ा 'कन्दारिया महादेव'  देेेे है। कंदारिया महादेव मंदिर के साथ सभी मौजूदा मंदिरों को 1986 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया था।

कन्दरिया महादेव मंदिर की उंचाई 31 मीटर है। यह खजुराहो के अन्य मंदिरों में सबसे बड़ा है। मंदिर का  परिसर 6 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है।जिसमें  कन्दारिया मतंगेश्वर और विश्वनाथ मंदिर भी शामिल हैं।

इस  मंदिर में  बड़े खम्बे और टॉवर है जो बहुत उंचे हैं।इस मंदिर की वास्तु डिजाइन योजना इस प्रकार हैं जिसमें कई  कमरे एक दूसरे से परस्पर जुड़े है, सबसे पहले प्रवेश द्वार पर एक आयताकार  जो एक केंद्रीय खंभे वाले हॉल (मंडप) में ले जाता है। यह एक अंधेरे गर्भगृह की ओर ले जाता है जिसके ऊपर मुख्य मीनार और शिखर है। गर्भगृह के अंदर एक शिव लिंग है जो संगमरमर से बना हुआ है।


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कन्दारिया महादेव मंदिर का निर्माण 13 फिट ऊँचे चबूतरे पर करवाया गया है। यह मंदिर शिखर पर खत्म होता है जिसमें 84 मीनारे है।इस मंदिर को बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से बनाया गया है।



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मंदिर की वास्तुकला को एक निश्चित हिंदू आइकनोग्राफिक पैटर्न में प्रदर्शित किया गया है। मंदिर की दीवारों, खंभों और छत के बाहरी और आंतरिक दोनों में जीवन के चार आधार:- मोक्ष, काम, धर्म और अर्थ का चित्रण किया गया हैं ।


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मंदिर के बाहरी हिस्से में शिल्खरा नामक मुख्य मीनार है जिसे मंदिर का सबसे ऊँचा बिंदु माना जाता है जो कि कैलाश पर्वत के रूप में है जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हिमालय पर्वत पर भगवान शिव का निवास स्थान है। मंदिर ग्रेनाइट की नींव के साथ बलुआ पत्थर से बनाया गया है। मंदिर के निर्माण में किसी मोर्टार का इस्तेमाल नहीं किया गया था।

यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक धार्मिक स्थल है जो भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित है और यहां एक शिव लिंग भी है जो कि संगमरमर से एक गर्भगृह के रूप में बनाया गया है। इसके अलावा, मंदिर के परिसर के अंदर 646 प्रतिमाएं स्थापित हैं जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। 


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कन्दारिया महादेव मंदिर में जाने से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी निम्नलिखित हैं :-

समय: सुबह 5:00 से दोपहर 12: 00 बजे

शाम को 4:00 से 9:00 तक

प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए - रु 10 एवं अन्य के  लिए: यूएस $ 5 या 250 रु

15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए: नि: शुल्क प्रवेश

नोट: कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं है।


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